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प्रशासन की अनदेखी से खतरे में जलाशयों का अस्तित्व, संरक्षण की जरूरत - दुमका जलाशयों की खबर

दुमका में प्रशासनिक अनदेखी की वजह से जलाशयों का अस्तित्व खतरे में है. जलाशय में कचरा डाला जाने लगा, जिससे दूषित ये हो चुका है. इससे स्थानीय लोग काफी निराश हैं और उनमें नाराजगी है.

existence of reservoirs in danger due to negligence of administration in dumka
जलाशयों में कचरा

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Published : Nov 18, 2020, 12:39 PM IST

दुमका: केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने जल संरक्षण के क्षेत्र में कई प्रयास किए जा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ दुमका में प्रशासनिक अनदेखी की वजह से जलाशयों का अस्तित्व खतरे में है. जिससे विलुप्ति के कगार पर पहुंच चुका है या फिर दूषित हो चुके हैं. दुमका के लखीकुंडी गांव में मसानजोर डैम का जो जल संग्रहण क्षेत्र झील के स्वरूप में है. उसमें लोगों ने कचरा डाल दिया है. जिससे वह दूषित हो चुका है. इस जल का कोई इस्तेमाल नहीं हो रहा यहां तक कि मवेशी के लिए भी पीने योग्य नहीं रह गया है.

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सरकारी तालाब को भरकर बनाया गाय भैंसों का खटालप्रशासन इन जलाशयों के प्रति कितनी उदासीन है. इसका एक बड़ा नमूना दुमका शहर के बीचो बीच बख्शी बांध तालाब को देखकर लगाया जा सकता है. चार बीघा में फैले इस सरकारी तालाब में एक दशक पहले तक लबालब पानी भरा रहता था लेकिन अतिक्रमणकारियों की बुरी नजर इस पर पड़ी और उसमें कचरा डाला जाने लगा. अब तो यह तालाब लगभग विलुप्त हो गया है. आलम तो यह है कि तालाब को भरकर उसमें गाय-भैंसों का खटाल संचालित हो रहा है. लोगों में नाराजगीसरकार की लापरवाही और अनदेखी की वजह से जलाशयों का अस्तित्व खतरे में है. इससे स्थानीय लोग काफी निराश हैं और उनमें नाराजगी देखी जा रही है. सरकारी बख्शी बांध तालाब के विलुप्त होने पर आसपास रहने वाले लोगों का कहना है कि यह तालाब इसमें काफी पानी भरा रहता था. इसका कई तरह से आसपास के लोग इस्तेमाल करते थे लेकिन अब तो यह समाप्त हो गया है. उनकी मांग है कि सरकार को इस दिशा में आवश्यक पहल करनी चाहिए और इसे अतिक्रमण मुक्त करते हुए इसका सौंदर्यीकरण करनी चाहिए.

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तालाबों के प्रति यह लापरवाही काफी चिंताजनक है. इस संबंध में दुमका जिला परिषद के उपाध्यक्ष असीम कुमार मंडल ने भी इसे गंभीर बताया है. उन्होंने कहा कि इस दिशा में जल्द ही आवश्यक पहल करते हुए कारवाई की जाएगी.

ग्राउंड लेवल कम होने का बना रहता है खतरा
कहते हैं जल ही जीवन है. हाल के दिनों में ग्राउंड वाटर लेवल नीचे चला गया है. इसकी बड़ी वजह यह है कि वाटर बॉडीज का कम होना है. ऐसे में दुमका में जलाशयों का संरक्षण काफी आवश्यक है.

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