दुमका: केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने जल संरक्षण के क्षेत्र में कई प्रयास किए जा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ दुमका में प्रशासनिक अनदेखी की वजह से जलाशयों का अस्तित्व खतरे में है. जिससे विलुप्ति के कगार पर पहुंच चुका है या फिर दूषित हो चुके हैं. दुमका के लखीकुंडी गांव में मसानजोर डैम का जो जल संग्रहण क्षेत्र झील के स्वरूप में है. उसमें लोगों ने कचरा डाल दिया है. जिससे वह दूषित हो चुका है. इस जल का कोई इस्तेमाल नहीं हो रहा यहां तक कि मवेशी के लिए भी पीने योग्य नहीं रह गया है.
प्रशासन की अनदेखी से खतरे में जलाशयों का अस्तित्व, संरक्षण की जरूरत - दुमका जलाशयों की खबर
दुमका में प्रशासनिक अनदेखी की वजह से जलाशयों का अस्तित्व खतरे में है. जलाशय में कचरा डाला जाने लगा, जिससे दूषित ये हो चुका है. इससे स्थानीय लोग काफी निराश हैं और उनमें नाराजगी है.
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तालाबों के प्रति यह लापरवाही काफी चिंताजनक है. इस संबंध में दुमका जिला परिषद के उपाध्यक्ष असीम कुमार मंडल ने भी इसे गंभीर बताया है. उन्होंने कहा कि इस दिशा में जल्द ही आवश्यक पहल करते हुए कारवाई की जाएगी.
ग्राउंड लेवल कम होने का बना रहता है खतरा
कहते हैं जल ही जीवन है. हाल के दिनों में ग्राउंड वाटर लेवल नीचे चला गया है. इसकी बड़ी वजह यह है कि वाटर बॉडीज का कम होना है. ऐसे में दुमका में जलाशयों का संरक्षण काफी आवश्यक है.