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Lack of Education Officers: आखिर कैसे दुरुस्त होगी शिक्षा व्यवस्था, अधिकारियों के अधिकांश पद हैं रिक्त

Santhal Pargana में शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है. इसकी वजह है Lack of Education Officers. आलम यह है कि जिला और प्रमंडल में अधिकारियों के अधिकांश पद रिक्त हैं.

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शिक्षा व्यवस्था प्रभावित

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Published : Nov 29, 2021, 5:42 PM IST

Updated : Nov 29, 2021, 7:16 PM IST

दुमकाः Santhal Pargana प्रमंडल में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की काफी कमी है. यहां प्रमंडल स्तर पर क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक का पद लगभग एक वर्ष से रिक्त है. इसके साथ ही इस प्रमंडल के 6 जिला दुमका, देवघर, गोड्डा, साहिबगंज, पाकुड़ और जामताड़ा में से 4 जिलों में District Education Officer का पद रिक्त है.

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इसके अलावा तीन जिलों में District Education Superintendent का पद रिक्त है. आलम ऐसा है कि एक-एक अधिकारी के जिम्मे अलग-अलग जिलों में कई-कई अधिकारियों का प्रभार है. जाहिर है इससे सारा कामकाज जैसे-तैसे चल रहा है और इसका सीधा प्रभाव सरकारी Education system पर पड़ रहा है. पहले से लचर मानी जाने वाली सरकारी शिक्षा व्यवस्था की स्थिति और दयनीय हो रही है.

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प्रमंडल स्तर के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक का पद एक साल से जिला स्तर के अधिकारी के जिम्मे
सबसे पहले बात करेंगे संथाल परगना प्रमंडल के Regional Deputy Director of Education (आरडीडीई) के संबंध में. पिछले वर्ष 30 नवंबर 2020 को तत्कालीन क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक राजकुमार सिंह सेवानिवृत्त हो गए थे. उसके बाद काफी दिनों तक यह पद खाली रहा और बाद में इसे पाकुड़ की जिला शिक्षा अधिकारी रजनी कुमारी को अतिरिक्त प्रभार में दे दिया गया. सबसे बड़ी बात यह है कि रजनी कुमारी गोड्डा की जिला शिक्षा पदाधिकारी के साथ गोड्डा की जिला शिक्षा अधीक्षक के भी अतिरिक्त प्रभार में है.

इतना ही नहीं रजनी कुमारी को देवघर जिला में स्थित गवर्नमेंट टीचर ट्रेनिंग कॉलेज के प्रिंसिपल का अतिरिक्त प्रभार संभालना पड़ रहा है. मतलब यह है कि रजनी कुमारी पाकुड़, देवघर, गोड्डा और दुमका इन चारों जिलों के 5 पदों पर पदस्थापित है, यह स्थिति हास्यास्पद कही जा सकती है. यहां एक बात यह भी महत्वपूर्ण है कि रजनी कुमारी जो दुमका के RDDE के अतिरिक्त प्रभार में है. उनके आने का कोई समय निश्चित नहीं है कि वह एक सप्ताह में किसी दिन यहा आएंगी या फिर 15 दिनों में आएंगी. कार्यालय के कर्मी ने बिना कैमरे के सामने आए जानकारी दी कि इस महीने के 3 नवंबर को प्रभारी आरडीडीई आईं थी. लेकिन उसके बाद 29 नवंबर तक वो नहीं आई हैं. अब काम कैसे होता होगा इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है.

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चार जिले में नहीं हैं जिला शिक्षा पदाधिकारी
संथाल परगना के चार जिला दुमका, साहिबगंज, गोड्डा और देवघर में जिला शिक्षा पदाधिकारी का पद काफी दिनों से रिक्त है. जिला शिक्षा पदाधिकारी के जिम्मे उच्च विद्यालय और प्लस टू विद्यालय के प्रशासकीय कार्य और निरीक्षण का जिम्मा होता है. अब 6 जिला में 4 जिला में जब जिला शिक्षा पदाधिकारी का पद लंबे समय से रिक्त हैं और वह जैसे-तैसे अतिरिक्त प्रभार में चल रहा है. यह जिले हैं दुमका, साहिबगंज, गोड्डा और देवघर, यहां आसानी से समझा जा सकता है कि सरकार अपनी शिक्षा नीति या व्यवस्था के प्रति कितनी गंभीर है.

3 जिलों में नहीं है जिला शिक्षा अधीक्षक
अगर बात संथाल परगना के सभी 6 जिलों में जिला शिक्षा अधीक्षक की बात करें तो 3 जिलों में जिला शिक्षा अधीक्षक के पद रिक्त हैं. यह जिले हैं साहिबगंज, गोड्डा और जामताड़ा. जिला शिक्षा अधीक्षक के जिम्मे प्राथमिक और मध्य विद्यालय के प्रशासकीय कामकाज और मॉनिटरिंग का जिम्मा होता है. जिसकी संख्या प्रति जिला लगभग दो हजार के आसपास होती है.

क्या कहते हैं स्थानीय लोग और जिला परिषद के उपाध्यक्ष
इस पूरे मामले पर स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पूरी तरह से सरकार की लापरवाही है. क्योंकि अगर अधिकारी ही नहीं रहेंगे तो शैक्षणिक व्यवस्था कैसे दुरुस्त रहेगी. वो सरकार से इस पर आवश्यक कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. दुमका जिला परिषद के उपाध्यक्ष असीम मंडल से इस संबंध में बात किए जाने पर उन्होंने कहा कि इस मामले को CM Hemant Soren तक के संज्ञान में दिया गया है कि रिक्त पदों पर जल्द अधिकारी की पदस्थापना की जाए.

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क्या कहते हैं स्थानीय विधायक
शिक्षा विभाग में Lack of Education Officers के संबंध में स्थानीय विधायक बसंत सोरेन से फोन पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि दुमका आरडीडीई का पद लंबे समय से रिक्त है. साथ ही दुमका में जिला शिक्षा पदाधिकारी भी अतिरिक्त प्रभार में चल रहे हैं. इसकी जानकारी उन्हें प्राप्त हुई है. इस पर वो बहुत जल्द आवश्यक करेंगे.


सरकार और मुख्यालय स्तर पर पहल की आवश्यकता
यह मामला प्रमंडल के छह जिलों से जुड़ा हुआ है. इसके लिए सरकार और मुख्यालय स्तर पर पहल किया जाना चाहिए. अगर अधिकारी ही नहीं रहेंगे तो काम काज कैसे सही ढंग से चल पाएगा. जिससे इसका खामियाजा एक दो जिला नहीं बल्कि संथाल परगना के सभी जिलों की शिक्षा व्यवस्था पर पड़ेगा.

Last Updated : Nov 29, 2021, 7:16 PM IST

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