दुमका:कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार ने लगभग डेढ़ साल से तमाम शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने का निर्देश जारी कर रखा है. इसी आदेश के तहत कोचिंग सेंटर(coaching institute) भी बंद हैं. लंबे समय से ये सेंटर बंद रहने से उनके संचालक परेशान हैं उनके सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है.
कोरोना से टूट रही कोचिंग संस्थानों की सांस, संचालकों के सामने गहराया रोजी रोटी का संकट - कोरोना संक्रमण
कोरोना महामारी(corona pandemic) ने समाज के हर तबके को प्रभावित किया है. फिर चाहे वह स्कूल हो या फिर कोई शैक्षणिक संस्थान. दुमका में पिछले डेढ़ साल से कोचिंग संस्थान(coaching institute) बंद हैं. फिलहाल ऐसी कोई उम्मीद नजर रहीं आ रही है कि स्कूल-कॉलेज और शैक्षणिक संस्थान कब से खुलेंगे. ऐसे में इनके संचालकों के सामने रोजी रोटी का संकट गहरा गया है.
ये भी पढ़ें:मदद की गुहारः मुख्यमंत्री जी कोचिंग संचालकों पर भी ध्यान दीजिए
क्या है पूरा मामला
कोरोना महामारी की वजह से दुमका में कोचिंग सेंटर(coaching institute) चलाने वालों के सामने आर्थिक संकट मंडरा रहा है. जिले में 100 से अधिक कोचिंग सेंटर(coaching institute) हैं जहां स्कूल-कॉलेज के कोर्स के साथ-साथ प्रतियोगिती परीक्षाओं की तैयारी कराई जा रही है, लेकिन कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए इसके संचालन पर सरकार ने रोक लगा दी है. पिछले डेढ़ वर्षों से सभी कोचिंग सेंटर बंद हैं. जिससे सभी सेंटर के शटर गिर गए हैं. सबसे ज्यादा नुकसान इसके संचालकों को हो रहा है. उनकी रोजी-रोटी पर भी आफत है.
सरकार से मांग
कोचिंग सेंटर के संचालक सरकार से मांग कर रहे हैं कि जिस तरह से जिम, रेस्टोरेंट को खोलने की अनुमति दी गई है उन्हें भी कोचिंग सेंटर खोलने की अनुमति दी जाए. वे भी कोरोना के जो सुरक्षा मापदंड है उसका शत-प्रतिशत पालन करेंगे.