दुमका:प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बासुकीनाथ धाम में इस बार श्रावणी मेले में प्रतिदिन औसतन एक लाख श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए पहुंच रहे हैं. देश के कोने-कोने से ये शिवभक्त अपने परिवार या मित्र मंडली के साथ यहां आते हैं. बासुकीनाथ मंदिर परिसर देवघर के बैद्यनाथ धाम के मुकाबले छोटा है. ऐसे में यहां अत्यधिक भीड़ लग जाती है और अक्सर लोग अपने परिवार, सगे संबंधी, मित्रजनों से बिछड़ जाते हैं. इन्हीं बिछड़े लोगों को मिलवाने के लिए जिला प्रशासन ने पूरे मेला परिसर में पांच खोया-पाया शिविर की व्यवस्था की है. जैसे ही कोई श्रद्धालु अपनों से अलग होता है वह सीधे खोया पाया केंद्र में जाकर वहां मौजूद कर्मियों को इसकी जानकारी देता है.
बासुकीनाथ धाम में बिछड़े लोगों को मिलाने की खास व्यवस्था, घर तक भी पहुंचाए जाते हैं श्रद्धालु - Jharkhand news
बिछुड़ो को हम मिलाते हैं इसी टैगलाइन पर काम कर रहा है बासुकीनाथ धाम में पांच खोया पाया केंद्र. इस व्यवस्था से लगभग 1500 श्रद्धालु अपने परिजनों से मिल चुके हैं. इसके तहत बिछड़े लोगों को घर तक पहुंचाने की भी व्यवस्था है.
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कैसे काम करता है यह केंद्र:जैसे ही कोई गुम होता उनके लोग इस केंद्र के कर्मियीं से मिलते हैं, खोये व्यक्ति का पूरा डिटेल नोट किया जाता है, जैसे उसका नाम क्या है, वे कहां के रहने वाले हैं. पूरे मेला परिसर में दर्जनों स्थानों पर लाउडस्पीकर की व्यवस्था है जो व्यक्ति खोए हुए का नाम माईकिंग के जरिए पूरे मेला परिसर में गूंजने लगता है. इसमें कहा जाता है कि आप जहां कहीं भी हैं इस जगह पर आ जाएं आपके लोग आपका इंतजार कर रहे हैं.