दुमका: वैसे तो झारखंड को देश में सभी खेलों का हब माना जाता है. यहां से कई खेल प्रतिभाओं ने न केवल देश में बल्कि पूरी दुनिया में अपना नाम रौशन किया है. झारखंड सरकार भी खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ने में मदद देने और तमाम सुविधाएं देने की दावा करती रहती है. लेकिन दुमका में स्थिति बिल्कुल उलट है. यहां आधुनिक सुविधाएं तो दूर खेल मैदानों की स्थिति भी बदहाल है.
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बदहाल है स्टेडियम और मैदान:कहने को तो दुमका में खिलाड़ियों की प्रैक्टिस के लिए दो प्रमुख मैदान हैं. एक है आउटडोर स्टेडियम और दूसरा है गांधी मैदान. इन दोनों में दोनों मैदानों में खिलाड़ी प्रैक्टिस तो करते ही साथ ही साथ खेल प्रतियोगिताओं का भी आयोजन होता रहा है. लेकिन वर्तमान हालत ऐसी हो गई है कि यहां खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन तो दूर प्रैक्टिस करना भी मुश्किल हो रहा है. आउटडोर स्टेडियम में मैदान की स्थिति बदहाल तो है ही साथ ही यहां बना दर्शक दीर्घा इतना जर्जर हो चुका है कि वह कभी भी ढह सकता है.