दुमका: झारखंड की उपराजधानी दुमका में स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति काफी लचर है. 2 साल पहले जब दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल चालू हुआ तो लोगों को लगा की स्थिति सुधरेगी लेकिन आज तक ऐसा नहीं हुआ. खास तौर पर डीएमसीएच में चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों की काफी कमी है. इसका असर सीधे तौर पर मरीजों के इलाज पर पड़ता है, उन्हें समुचित व्यवस्था नहीं मिल पाती. छोटे-मोटे इलाज को अगर हम छोड़ दें तो थोड़ी सी भी गंभीर स्थिति में उन्हें रेफर की पुर्जी थमा दी जाती है. लोगों के सामने विकट समस्या आ जाती है अब क्या करें.
क्या कहते हैं डीएमसीएच के सुपरिटेंडेंट
दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ रवींद्र कुमार खुद स्वीकार करते हैं कि मेनपावर की कमी की वजह से मरीजों का सही ढंग से इलाज नहीं कर पा रहे हैं. उनका कहना है कि हमारे यहां चिकित्सकों की आवश्यकता है 65 (पैंसठ) जबकि पदस्थापित है 35 (पैंतीस) फिर चिकित्साकर्मियों की जितनी आवश्यकता है उसके मुकाबले 50% ही पदस्थापित हैं. पदास्थापित चिकित्सकों में भी कई विभाग के चिकित्सक है ही नहीं और कई महत्वपूर्ण विभाग है जिसमें डॉक्टर जितने होने चाहिए उतने नहीं हैं. इन सभी स्थिति में काफी परेशानी हो रही है और हम सही ढंग से इलाज कर पाने में सक्षम नहीं हो पा रहे.
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