दुमकाः झारखंड की उपराजधानी दुमका में सुरक्षा व्यवस्था के प्रति पुलिस कितनी उदासीन है. इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि कुछ वर्ष पहले शहरी क्षेत्र में सिक्योरिटी के लिए 28 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे लेकिन आज सभी बेकार हो गए हैं. एक भी चौक-चौराहों पर सीसीटीवी कैमरा फंक्शनल नहीं है. इसका फायदा असामाजिक तत्व उठा रहे हैं. आए दिन लोगों की सामानों की छिनतई के साथ-साथ, बाइक चोरी और अन्य आपराधिक घटना घट रही है.
दुमका में खराब हुए सीसीटीवी कैमरे ये भी पढ़ें-श्मशान में काली मंदिर होने के बावजूद हजारों की संख्या में पहुंच रहे भक्त, मां तारा की प्रतिमा की स्थापना
शहर के सात स्थानों पर लगे थे 28 कैमरे
दुमका अपेक्षाकृत छोटा शहर है. ऐसे में शहर के 7 मुख्य चौराहों पर तीन चार वर्ष पहले 28 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे. जिला नियंत्रण कक्ष में एक मॉनिटर लगाया गया था, जहां से पुलिसकर्मी चौक चौराहों के हलचलों पर ध्यान रखती थी लेकिन पहले कैमरे खराब होने शुरू हुए और धीरे-धीरे इसके केबल पर भी चोरों ने हाथ साफ कर लिया.
नतीजा यह हुआ कि किसी भी चौक चौराहों पर तीसरी आंख का पहरा नहीं है. जाहिर है यह जानकारी चोर उचक्के को भी है और वह आसानी से आपराधिक घटना को अंजाम देते हैं. पिछले दिनों महिलाओं के हाथों से रुपयों से भरा बैग छीन लिया गया. इसके साथ ही कई अन्य घटना घटी.
पुलिस निजी संस्थानों का लेती है सहारा
हाल के दिनों में कई ऐसे अवसर आए जब क्राइम होने के बाद पुलिस को सीसीटीवी फ़ुटेज की जरूरत महसूस हुई. उन्हें यह मालूम है कि सरकारी स्तर पर लगे सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे हैं तो उन्होंने निजी संस्थानों, दुकानों और घरों में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला. इसमें कई मौके पर उन्हें सफलता भी मिली पर निजी संस्थानों में लगे सीसीटीवी के फुटेज देखने से पुलिस की मुकम्मल व्यवस्था होने के दावे की पोल खुल गई.
क्या कहते हैं एसपी
सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था पर दुमका एसपी अंबर लकड़ा से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि हाल के दिनों में पुलिस पदाधिकारियों के साथ बैठक में 15 स्थानों पर नए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का प्रस्ताव पारित हुआ है, जिस पर जल्द काम होगा. उन्होंने भी माना कि क्राइम के बाद सीसीटीवी फुटेज का काफी महत्व होता है. यह बेहद जरूरी है.
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450 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये जाने की योजना लंबित
जानकारी के अनुसार अभी तक जो भी सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, वह शहरी क्षेत्र में लगाए गए हैं. लगभग डेढ़ साल पहले पुलिस मुख्यालय की योजना थी कि दुमका जिले में 20 किलोमीटर के एरिया में 450 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं. इस कार्य को मुंबई की एक कंपनी को करना था. कैमरा कहां-कहां लगाए जाएंगे, इसके लिए नक्शा तैयार किया गया और उस प्वाइंट को भी चिन्हित किया गया जहां कैमरे इंस्टॉल करने थे. इस बीच कोरोना काल शुरू हुआ और योजना धरी की धरी रह गई. इस मामले पर दुमका एसपी अंबर लकड़ा बताते हैं कि यह काम भी लंबित है जो आने वाले दिनों में पूरा किया जाएगा.
क्या कहते हैं स्थानीय
शहर में एक भी सीसीटीवी कैमरा सही नहीं रहने से लोग परेशान हैं. उन्हें हमेशा यह डर रहता है कि अगर कोई आपराधिक घटना घटती है तो कोई ट्रेस करना मुश्किल है. वहीं, जिला प्रशासन की उदासीनता विपक्षी दलों का एक मुद्दा बन गया है. दुमका बीजेपी के जिलाध्यक्ष निवास मंडल इसके लिए पूरी तरह से राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हैं. उनका कहना है कि शहर में लगातार क्राइम बढ़ रहा है लेकिन सरकार और पुलिस को कोई लेना देना नहीं है, हालांकि वे यही मांग करते हैं कि यह व्यवस्था सुधारी जाए.
अविलंब सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की आवश्यकता
दुमका पुलिस को चाहिए कि अविलंब शहर और आसपास के इलाके में सीसीटीवी कैमरे लगाएं. सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का एक सापेक्षिक पक्ष होता है कि जो असामाजिक तत्व होते हैं उन्हें क्राइम करने पर डर भी लगता है कि वे तीसरी आंख की निगरानी में आ जाएंगे. वहीं, कैमरे होने का फायदा जनता को मिलता है क्राइम घटना में कमी आती है. साथ ही जो घटना घटती है उसकी जांच में सहूलियत होती है. सरकार और पुलिस को इस दिशा में आवश्यक पहल करने की जरूरत है.