धनबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले में शौचालयों निर्माण कराया गया था. जहां हर घर शौचालय सुनिश्चित बनने की दावा किया गया था, लेकिन जिले के गोविंदपुर प्रखंड में कुछ जगहों पर लोगों को शौचालय अभी तक मिला भी नहीं है और कहीं शौचालय मिला भी है तो उन शौचालयों का उपयोग नहीं हो रहा है.
जिले के गोविंदपुर प्रखंड में शौचालय निर्माण में घोर अनियमितता सामने आ रही है. प्रखंड के दो पंचायत पथुरिया और नगरकीयारी में शौचालय निर्माण की दो अलग-अलग कहानी देखने को मिलती है. जहां एक ओर पथुरिया पंचायत के बरमसिया गांव में 40 से 50 घर को शौचालय मिला ही नहीं है. जिससे लोग अभी तक शौचालय की बाट जोह रहे हैं.
कबाड़खाना में तब्दील हुआ शौचालय
बताया जा रहा कि करीब एक साल पहले ही मुखिया के द्वारा शौचालय के लिए गड्ढा करवा कर छोड़ दिया गया है, जो कि अब बरसात में वह गड्ढे भी आधे से ज्यादा भर चुके हैं. वहीं, दूसरी तरफ नगरकियारी पंचायत के जीतपुर गांव में लोगों को शौचालय दिया गया है, लेकिन वहां पर लोग उन शौचालयों का उपयोग दूसरे काम के लिए करते हैं.
शौचालय बनवाने के लिए मुखिया लेते हैं पैसे
वहीं पथुरिया पंचायत के बरमसिया गांव के ग्रामीणों ने मुखिया पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मुखिया को बगैर चढ़ावा दिए कोई भी निर्माण कार्य नहीं होता है. लोगों ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में स्थानीय मुखिया 15 से 20 हजार रुपए लोगों से लेते हैं तब जाकर प्रधानमंत्री आवास दिया जाता है. वहीं शौचालय निर्माण में भी मुखिया को कुछ न कुछ चढ़ावा देना पड़ता है तब जाकर शौचालय का निर्माण होता है.