धनबाद: पूरे विश्व में कोरोना का कहर मचा हुआ है बड़े-बड़े शक्तिशाली और धनवान देश कोविड-19 के कहर से बच नहीं पाए है. स्वास्थ्य के मामलों में बढ़िया होते हुए भी यह देश कोरोना के कहर से बच नहीं पाए हैं. भारत स्वास्थ्य के मामलों में बहुत पीछे हैं, लेकिन युद्ध स्तर पर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी में जुटा हुआ है. भारत की जनसंख्या के अनुसार यहां पर जितनी व्यवस्था है वह काफी कम है, जिसके लिए ट्रेनों को आइसोलेशन कोच में तब्दील कर दिया गया है.
आपात स्थिति में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज ट्रेन की बोगियों में किया जाएगाबता दें कि कोरोना के इस कहर ने सुपर पावर जैसे देशों को घुटनों पर लाकर रख दिया है. भारत में भी लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है, हालांकि अभी तक यहां स्थिति काबू में है, लेकिन आने वाले समय में क्या होगा यह कहा नहीं जा सकता. जिसके लिए सरकार आपात स्थिति पर अपनी तैयारियों में जुट गई है. रेल मंत्रालय ने आपात स्थिति से निपटने के लिए ट्रेनों को ही आइसोलेशन कोच में तब्दील करने का आदेश जारी कर दिया है. धनबाद में 40 कोच को आइसोलेशन कोच में तब्दील कर दिया गया है. आपात स्थिति में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज ट्रेन की बोगियों में किया जाएगा.
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कुल 25 तरह के परिवर्तन ट्रेन की बोगियों में किए गए
धनबाद रेलवे स्टेशन के यार्ड में खड़ी ट्रेनों की बोगियों को आइसोलेशन वार्ड के रूप में तब्दील कर दिया गया है और इन बोगियों में डॉक्टर की टीम के साथ-साथ मरीजों के लिए भी रहने के इंतजाम किए गए हैं. ट्रेन के टॉयलेट को बाथरूम में भी तब्दील किया गया है. कुल 25 तरह के परिवर्तन ट्रेन की बोगियों में किए गए हैं.
40 कोच आइसोलेशन
अभी 40 कोच को आइसोलेशन कोच में तब्दील किया गया है. एक कोच में 8 मरीजों का इलाज होगा. आपात स्थिति के लिए अगल-बगल की दोनों सीटों को तैयार किया गया है. फिलहाल उसमें एक ही मरीज को रखा जाएगा. बाद में अगर मरीजों की संख्या बढ़ जाती है तो 2 मरीजों का इलाज वहां पर एक साथ होगा.
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रेलवे इंजीनियर से खास बातचीत
भारतीय रेलवे के इंजीनियर अभय कुमार मेहता ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि पहले फेज के लिए ईसीआर में 268 कोचों को आइसोलेशन कोच में तब्दील किया जाना है. धनबाद में 40 कोच को आइसोलेशन कोच में बदला जाना था, जिसके लिए स्लीपर और जनरल कोच में यह तैयारियां पूरी कर ली गई है. आगे फिर जिस तरह का दिशा निर्देश रेल मंत्रालय की ओर से दिया जाएगा उस पर काम किया जाएगा.