धनबादः कोयला उत्खनन के बाद उत्खनन स्थल को खुला छोड़ने की जगह उसे ओबी डंप कर दोबारा भर देना चाहिए. ओबी शिफ्टिंग की समस्या को दूर करने के लिए प्लानिंग की जरूरत होती है. ये बातें दिल्ली नीति आयोग एसी एनर्जी सेक्टर के सदस्य जवाहरलाल ने राजापुर परियोजना के निरीक्षण के दौरान कही.
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नीति आयोग की टीम ने धनबाद के अग्नि प्रभावित क्षेत्र का किया दौरा, ओबी शिफ्टिंग की ली जानकारी - धनबाद की खबर
केंद्रीय नीति आयोग की टीम ने धनबाद के राजापुर कोल परियोजना का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने ओबी शिफ्टिंग और आसपास की बस्ती के लोगों के बारे में जानकारी ली.
![नीति आयोग की टीम ने धनबाद के अग्नि प्रभावित क्षेत्र का किया दौरा, ओबी शिफ्टिंग की ली जानकारी team of planning commission visited dhanbad](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-12956502-35-12956502-1630655632519.jpg)
उन्होंने उपस्थित प्रशासनिक पदाधिकारियों और बीसीसीएल पदाधिकारियों से अग्नि प्रभावित क्षेत्र में कार्य के दौरान भूमिगत आग के दायरे की जानकारी जुटाने के तरीके पर कई सवाल अधिकारियों से किये. वहीं परियोजना से सटे झरिया शहर के माडा जलागार और आसपास बसे बस्ती के लोगों के विषय में जानकारी ली.
बीसीसीएल सीएमपीडीआईएल के अधिकारियों ने बताया की परियोजना से सटे झरिया शहर में एक बड़ी आबादी है. भूमिगत आग का दायरा बढ़ता जा रहा है. आग का सटीक आंकलन और गहराई जानने के लिए ड्रिलिंग एक बेहतर उपाय है. ओबी भराई कर उत्खनन किए गए स्थानों को भरा जाता है, लेकिन सभी स्थानों पर ओबी भराई करना उचित नहीं है. क्योंकि भविष्य में कुछ खदान को दोबारा चालू करने का विकल्प रहता है. झरिया शहर के लोगों को भूमिगत आग से खतरा है. झरिया के आसपास के कई कोलियरी क्षेत्रों के लोगों को अग्नि प्रभावित क्षेत्र से हटाकर बेलगड़िया में शिफ्ट किया गया है.
ये रहे मौजूद
इस दौरान धनबाद डीडीसी दशरथ चंद्र दास, एसडीएम प्रेम कुमार तिवारी, जेआरडीए प्रभारी अमर प्रसाद, झरिया सीओ प्रमेस कुशवाहा, सिंदरी डीएसपी अभिषेक कुमार, मुख्य प्रबंधक पर्यावरण कोयला भवन मिथिलेश कुमार, बस्ताकोला महाप्रबंधक सुमन चटर्जी, निर्झर चक्रवर्ती, राजापुर पीओ विनोद कुमार पांडे लोग मौजूद थे.