धनबाद: झारखंड और पश्चिम बंगाल के बार्डर पर बसा है निरसा विधानसभा क्षेत्र. निरसा विधानसभा सीट धनबाद जिले की महत्वपूर्ण सीटों में से एक है. निरसा हार्ड कोक भट्ठा के लिए जाना जाता है. इस इलाके में कोयले की तस्करी भी भारी मात्रा में होती है. इसके साथ ही मशहूर मैथन डैम भी निरसा विधानसभा क्षेत्र में आता है. दामोदर घाटी निगम और पंचैत दो महत्वपूर्ण हाइडल पावर प्लांट भी इसी क्षेत्र में हैं. ये दोनों पर्यटन के लिहाज से भी खास हैं. भले ही देश बीजेपी के भगवा रंग से रंगा हो लेकिन झारखंड का निरसा विधानसभा क्षेत्र लालगढ़ के नाम से जाना जाता है.
मासस को मिली थी कड़ी टक्कर
इस विधानसभा चुनाव में मासस (मार्क्सवादी समन्वय समिति) ने इस बार फिर इसे अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ कर रखा है. यह लाल झंडे का गढ़ माना जाता है, यहां से वर्तमान में अरूप चटर्जी विधायक हैं. यह मासस के टिकट पर चुनाव जीते हैं. इसके पहले उनके पिता गुरदास चटर्जी भी निरसा से विधायक रह चुके हैं.अरूप चटर्जी ने तीन बार निरसा की जनता का प्रतिनिधित्व किया है. 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और मार्क्सवादी समन्वय समिति की कड़ी टक्कर हुई थी. इस बार भी मासस अपना गढ़ बचाने में सफल रही और अरूप चटर्जी लगभग 1200 वोटों के अंतर से चुनाव जीत गए थे.