धनबादः गया पुल के चौड़ीकरण को लेकर राजनीति गर्म हो गई है. मंगलवार को पूर्व मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल ने गया पुल की चौड़ीकरण को लेकर जिले के डीसी उमा शंकर सिंह से मुलाकात की थी. इस मामले पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. जिला कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रवींद्र वर्मा ने कहा है कि जब केंद्र और राज्य से लेकर शहर में भी इनकी ही सरकार थी उस व्यक्त मेयर कहां थे.
कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि गया पुल के को लेकर के आज पूर्व मेयर जितने चिंतित दिख रहे हैं, अगर वह जब शहर के सरकार के मुखिया बने थे उस समय से इतनी चिंता दिखाई होती तो आज निश्चित रूप से गया पुल का चौड़ीकरण हो गया होता और जाम से निजात मिल गई होती, क्योंकि केन्द्र से लेकर शहर तक इनकी ही सरकार थी. उस समय इन्हें चौड़ीकरण की याद नहीं आई. क्योंकि ये सिर्फ निगम को लूटने में लगे थे. चाहे वह फोर्टी फाइनेंस के कामों में जिस प्रकार आज एसीबी की जांच चल रही है. चाहे शौचालय बनाने के नाम पर लूट का बात हो या स्ट्रीट लाइट लगाने के नाम पर लूटने में व्यस्थ थे. आज जब सत्ता चली गई है तो यह घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं.
धनबाद: गया पुल पर गर्म हुई राजनीति, कांग्रेस ने कहा- केंद्र से लेकर शहर तक की सरकार के समय कहां थे- मेयर
धनबाद में गया पुल के चौड़ीकरण को लेकर राजनीति गर्म हो गई है. मंगलवार को पूर्व मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल ने गया पुल की चौड़ीकरण को लेकर जिले के डीसी उमा शंकर सिंह से मुलाकात की थी. इस मामले पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस ने कहा कि केंद्र से लेकर शहर तक की सरकार के समय मेयर कहां थे.
उन्होंने कहा कि जब कोई ऑफिसर नगर निगम में काम करना चाहा या इनके हिसाब से नहीं चला तो सत्ता का ताकत दिखा कर रमेश घोलप जैसे नगर आयुक्त का तबादला करवा दिए. मेयर रहते जिस तरह बैंक मोड़ या सिटी सेंटर के सामने सड़क पर पार्किंग करवा कर पैसा वसूली करवाए और आज जाम का चिंता हो रही है.
उन्होंने कहा कि मैं विश्वास दिलाना चाहता हूं की गठबंधन की सरकार पूरे राज्य के लिए संजीदगी से विकास के काम कर रही है. पूर्व मेयर कह रहे हैं कि रेलवे के द्वारा 1 वर्ष पूर्व ही एनओसी दे दिया गया था, लेकिन लोकसभा और विधानसभा चुनाव के कारण अचार संहिता के वजह से 6 माह बीत गया. उसके बाद आज तक काम शुरू नहीं हुआ है, लेकिन ये क्यों भूल गए झारखंड में नए सरकार का गठन होने के बाद जिस तरह पूर्व की रघुवर सरकार ने झारखंड को लूट कर झारखंड के खजाने को खाली कर दिया था. उसे पटरी पर लाने में सरकार लगी ही थी कि पूरा देश कोरोना जैसे महामारी लड़ रहा है. निश्चित रूप से गया पुल का चौड़ीकरण इसी सरकार में होगा लेकिन पूर्व मेयर सिर्फ पांच साल अपना विकास किए और आज जब नगर निगम चुनाव नजदीक है तो इन्हें जनता याद आ रही है.