धनबाद: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने 12वीं की छात्राओं पर बर्बर तरीके से लाठीचार्ज करने के मामले पर संज्ञान लिया है. आयोग ने धनबाद उपायुक्त कार्यालय को तीन दिन के भीतर विस्तृत जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है.
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धनबाद के उपायुक्त को आयोग का पत्र
दरअसल धनबाद उपायुक्त कार्यालय को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की तरफ से एक लेटर भेजा गया है जिसमें ये बताया गया है कि सीपीसीआर अधिनियम की धारा 13 (1) (जे) के तहत आयोग ने पूरे मामले पर स्वत: संज्ञान लिया है. पत्र में ये भी लिखा गया है कि सोशल मीडिया की खबर के अनुसार धनबाद जिले में परीक्षाओं के विषय पर नाबालिग लड़कियां शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जता रही थी. उनके प्रदर्शन को रोकने के लिए एसडीएम ने लाठीचार्ज किया जो वीडियो में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है. इस प्रकरण में कई नाबालिग लड़कियां गंभीर रूप से चोटिल हो गई है. इसको लेकर आयोग ने उपायुक्त से वैधानिक कार्रवाई करते हुए तीन दिनों के भीतर प्रकरण की विस्तृत जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही प्रकरण में नाबालिगों के बयान की कॉपी समेत अन्य आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया गया है.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग का पत्र क्या है पूरा मामला
बता दें कि बारहवीं की रिजल्ट में फेल हुए छात्राएं शुक्रवार को उपायुक्त कार्यालय में मंत्री बन्ना गुप्ता से मिलने पहुंची थी. मंत्री के सामने रिजल्ट का विरोध कर रही छात्राओं पर बेरहमी से लाठियां बरसाई गई. एसडीएम सुरेद्र कुमार खुद इस कार्रवाई का नेतृत्व कर रहे थे और दौड़ा-दौड़ा कर छात्राओं की डंडे से पिटाई कर रहे थे. पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए डीसी को जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है.