धनबाद: धनबाद के पूर्व उप महापौर नीरज सिंह समेत चार लोगों के हत्याकांड मामले में जेल में बंद शूटरों के नाम का आतंक एक बार फिर कोयलांचल में महसूस किया जा रहा है. दरअसल इस बार जेल में बंद इन शूटरों का निशाना कोई और नहीं, बल्कि नीरज सिंह हत्याकांड मामले के अनुसंधानकर्ता रहे पूर्व सरायढेला थाना प्रभारी निरंजन तिवारी है. बताया जा रहा है कि जेल में बंद वो शूटर इन्स्पेक्टर निरंजन तिवारी की हत्या की योजना पर काम कर रहे हैं. इसको लेकर इंस्पेक्टर निरंजन तिवारी ने सरायढेला थाना में शिकायत भी दर्ज कराई है. जिसके बाद धनबाद पुलिस अपने स्तर से कार्रवाई में जुट गई है.
तीन साल बाद पूर्व उप महापौर नीरज सिंह हत्याकांड मामले में जेल में बंद शूटर अमन सिंह, कुर्बान अली उर्फ सोनू, विजय सिंह उर्फ सागर उर्फ शिबू, चंदन सिंह उर्फ रोहित उर्फ सतीश और पंकज सिंह का नाम की सनसनी एक बार फिर कोयलांचल धनबाद में फैल गई है. एक बार फिर ये शूटर किसी की हत्या की प्लानिंग में लगे हैं और इनका टारगेट कोई और नहीं बल्कि नीरज सिंह हत्याकांड के अनुसंधानकर्ता रहे सरायढेला के पूर्व इंस्पेक्टर नितंजन तिवारी है. जानकारी के अनुसार ये शूटर फिलहाल चाईबासा टाउन थाना के प्रभारी के पद पर पदस्थापित निरंजन तिवारी का अपहरण कर उन्हें मौत के घाट उतारना चाहते है. शूटरों की इस खतरनाक मंसूबे का पता चलते ही इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी निरंजन तिवारी ने धनबाद के सरायढेला थाना में इसकी लिखित शिकायत दर्ज करा दी है.
इंस्पेक्टर निरंजन तिवारी ने अपने लिखित शिकायत में कहा है कि नीरज सिंह सहित चार लोगों की हत्या के पहले आइओ होने के साथ ही वह जिले में कई कांडों के अनुसंधानकर्ता भी रहे हैं. इसलिए उन्हें आये दिन कोर्ट में किसी न किसी काम से आना होता है, इसलिए निरंजन तिवारी ने अपने आवेदन के माध्यम से बताया है कि नीरज सिंह हत्याकांड के अनुसंधान के दौरान पकड़े गये अपराधी उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंग के सदस्य हैं और पेशेवर अपराधी हैं. इन लोगों को कांड में गिरफ्तार कर धनबाद लाया था और उसी कारण वे बदला लेने के लिए इस तरह का काम कर सकते हैं. उन्होंने अपने शिकायत में कहा है कि वह सरायढेला थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी होने के नाते कुछ दिन पहले सरायढेला थाना में मालखाना का प्रभार देने आये थे. मालखाना का प्रभार देने के बाद धनबाद के कई स्पाई ने उनसे संपर्क किया और बताया कि नीरज सिंह हत्याकांड में जेल में बंद शूटर अमन तिवारी, कुर्बान अली उर्फ सोनू, विजय सिंह उर्फ सागर उर्फ शिबू, चंदन सिंह उर्फ रोहित उर्फ सतीश व अन्य निरंजन तिवारी का अपहरण कर हत्या करने की बात कर रहे थे. जिसके बाद निरंजन तिवारी ने इस बारे में तुरंत सरायढेला थाना में लिखित शिकायत की. पुलिस ने उनके आवेदन पर जांच शुरू कर दी है. निरंजन तिवारी इसके पहले नीरज सिंह हत्याकांड के अनुसंधानकर्ता थे और इस मामले में पकड़े गये शूटरों को यूपी पुलिस से रिमांड पर लेकर धनबाद आये थे.
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21 मार्च 2017 को नीरज सिंह, अशोक यादव, मुन्ना तिवारी व ड्राइवर घपलू की स्टील गेट के पास गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गयी थी. हत्या के बाद निरंजन तिवारी को आनन-फानन में सरायढेला थाना प्रभारी बनाया गया और उन्हें पूरे केस का अनुसंधानकर्ता बनाया गया. अनुसंधान के दौरान मुन्ना बजरंगी गिरोह द्वारा हत्या किये जाने की जानकारी पुलिस को मिली और उसके बाद निरंजन तिवारी ने उत्तर प्रदेश पुलिस के सहयोग से शूटरों को गिरफ्तार किया. अमन सिंह को मिर्जापुर जेल से, कुर्बान अली उर्फ सोनू को यूपी कैंट स्टेशन से, विजय सिंह उर्फ सागर उर्फ शिबू को प्रतापगढ़ से व चंदन सिंह उर्फ रोहित उर्फ सतीश व पंकज सिंह को यूपी एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार कर धनबाद पुलिस को रिमांड पर दिया था. इस पूरे मामले का आइओ होने के कारण सभी शूटरों को लाने के साथ-साथ पूछताछ की जिम्मेवारी भी तिवारी पर थी. इस पूरी घटना में कई आरोपियों को रिमांड पर भी लेकर पूछताछ की गयी और उसी समय से यह शूटरों की नजर पर चढ़ गए.