झारखंड

jharkhand

सरकारी तालाब परिसर में अवैध रूप से चलाए जा रहे 6 से अधिक ईंट भट्ठे, पानी के लिए तरस रहे ग्रामीण

By

Published : Apr 21, 2021, 11:18 AM IST

Updated : Apr 21, 2021, 11:58 AM IST

धनबाद स्थित सरकारी तालाब परिसर में आधा दर्जन से अधिक ईंट भट्ठा चलाया जा रहा है. इससे तालाब के अस्तित्व पर खतरा बना हुआ है. वहीं, ग्रामीणों की दिनचर्या इसी इकलौते तालाब पर निर्भर है, लेकिन दबंगों के डर से ग्रामीण शांत हैं और प्रशासन की तरफ से भी कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं.

Illegal brick kilns in dhanbad
अवैध ईंट भट्टे

धनबाद: गर्मी के मौसम की शुरुआत के साथ ही कई क्षेत्रों में पानी के लिये हाहाकार मचा हुआ है. दूर दराज से पानी लाकर लोग अपनी प्यास बुझा रहे हैं. वहीं, बाघमारा प्रखंड के फुलवार कोरिडीह स्थित राजा तालाब पर अवैध ईट भट्ठा संचालकों की नजर लग गई है. तालाब परिसर में आधा दर्जन से अधिक ईंट भट्ठा चलाया जा रहा है, जो तालाब के अस्तित्व के लिये खतरा बन गया है. 100 साल पुराना तालाब जो 18 एकड़ में फैला था अब वह 12 एकड़ में सिमट गया है, जिस तरह से अवैध ईंट भट्ठा का कारोबार बढ़ रहा है, उससे तालाब के अस्तित्व को समाप्त होने से इनकार नहीं किया जा सकता.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-रांची: एडीएम लॉ एंड ऑर्डर के घर चोरी, सोने की चेन और कंगन लेकर चोर फरार

स्थानीय जनप्रतिनिधियों को नहीं है खबर

सरकारी तालाब में इस तरह से ईंट भट्ठा के संचालित होने की खबर स्थानीय जनप्रतिनिधियों को नहीं है. स्थानीय ग्रामीण अपने एकमात्र जल स्त्रोत को बचाना चाहते हैं, लेकिन डर से अवैध ईंट भट्ठा संचालकों के सामने नहीं आ रहे हैं. स्थानीय लोगों में इसे लेकर गुस्सा है. दैनिक दिनचर्या के लिये ग्रामीण इस तालाब का उपयोग वर्षों से करते आ रहे हैं. इस तालाब का उपयोग ग्रामीण से लेकर जानवर सभी करते हैं.

50 से 60 लाख ईंट की करते हैं बिक्री

अवैध ईट भट्ठा संचालक प्रति वर्ष 50 से 60 लाख ईंट बनाकर बेचते हैं और अपनी जेब भरते हैं. स्थानीय जनप्रतिनिधियों और प्रशासन से गांव के लोग एक मात्र जल स्त्रोत को बचाने की अपील कर रहे हैं. वहीं, स्थानीय रघुनाथपुर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि कहते हैं कि उन्हें इसकी सूचना नहीं है फिर भी मामला अब संज्ञान में आया है, तो इसको रोका जाएगा.

मामले को लेकर बाघमारा अंचलाधिकारी किशोर सिंह ने कहा कि उनके संज्ञान में यह मामला नहीं था, मीडिया के माध्यम से अब जानकारी हुई है इसकी जांच कर करवाई जाएगी. स्थानीय जनप्रतिनिधियों और प्रशासन की ओर से सरकारी तालाब के अतिक्रमण और अवैध ईट भटठ्टा संचालकों पर कार्रवाई नहीं की गयी तो गांव का एक मात्र तालाब अपना अस्तित्व खो देग. ऐसे में जरूरत है त्वरित कार्रवाई की, गर्मी के मौषम को देखते हुए तालाब को बचाने की.

Last Updated : Apr 21, 2021, 11:58 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details