धनबाद: पूरे देश में लॉकडाउन की स्थिति ने पूरे जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. चाहे वह उद्योग धंधे हो, सरकारी सर्विस हो या प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारी हो या छात्र सभी को अपने भविष्य की चिंता सता रही है. सभी वर्गों में अपने भविष्य को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. ऐसे में देश के जाने-माने शिक्षण संस्थानों में से एक धनबाद के IIT-ISM के छात्र भी काफी परेशान हैं, उन्हें अपनी भविष्य की चिंता सता रही है.
वीडियो में देखिए स्पेशल रिपोर्ट हालांकि ISM में दिसंबर से लेकर जनवरी तक 50 फीसदी प्लेसमेंट हो जाती है. कुछ गिनी चुनी कंपनियां ही मार्च-अप्रैल में आती हैं, लेकिन अब इस लॉकडाउन की स्थिति में ऐसे छात्र जिनका प्लेसमेंट होना था, वह काफी परेशान हैं. IIT-ISM के कैरियर डेवलपमेंट सेंटर के वाइस चेयरमैन सह प्रोफेसर पंकज कुमार जैन ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि आईटी सेक्टर वालों को इस लॉकडाउन के बावजूद ज्यादा परेशानी नहीं होगी, लेकिन कोर सेक्टर वालों को कुछ परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं.
1700 छात्रों का होना था प्लेसमेंट
उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर 50% से ज्यादा छात्रों का प्लेसमेंट हो चुका है. कुल 1700 छात्रों का प्लेसमेंट इस वर्ष होना था लेकिन लॉकडाउन के कारण मार्च-अप्रैल में आने वाली कंपनियां नहीं आ पाईं. जिस कारण कुछ छात्रों का प्लेसमेंट नहीं हो सका है. प्रोफेसर पंकज कुमार जैन का कहना है कि अभी भी कई कंपनियां ऑनलाइन प्लेसमेंट कर रही हैं. उन कंपनियों को और छात्रों को ज्यादा दिक्कत नहीं उठानी पड़ रही है.
कुछ कंपनियां जो मार्च-अप्रैल में आते थे उनको फिर से लॉकडाउन के बाद बुलाने का प्रयास किया जाएगा. उन्होंने बताया कि छात्रों को इस मौके का लाभ उठाना चाहिए, अपने स्किल डेवलपमेंट की तरफ ध्यान देना चाहिए और कोर सेक्टर वाले छात्र शिक्षा के क्षेत्र में भी जा सकते हैं, क्योंकि आज लॉकडाउन की स्थिति में सारे स्कूल ऑनलाइन पढ़ाई पर ज्यादा जोर दे रहे हैं, तो ऐसे में उधर भी छात्रों के लिए एक बहुत बड़ा स्कोप है.
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उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण प्लेसमेंट पर कुछ असर जरूर पड़ा है. जिसे बाद में पूरा करने का प्रयास किया जाएगा. वहीं कुछ छात्रों ने भी अपने भविष्य के चिंताओं के बारे में ईटीवी भारत से बातचीत की. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि लॉकडाउन ने सभी वर्गो की चिंताएं बढ़ा दी है और लॉकडाउन के बाद क्या होगा, इस पर कुछ भी कुछ स्पष्ट नहीं कहा जा सकता.