धनबाद: कोयलांचल को देश की कोयले की राजधानी के नाम से जाना जाता है और इसकी यह पहचान खासकर झरिया इलाके से होती है. लेकिन, इसी झरिया इलाके में आज लगभग 100 वर्षों से अधिक समय से भी लोग आग के ऊपर आशियानो में रहने को मजबूर हैं. पीड़ा ऐसी कि देखने वाले भयभीत हो जाए. लेकिन सरकार और जिला प्रशासन को इससे कोई खास मतलब नहीं दिखता. जरेडा (झरिया पुनर्वास एवं विकास प्राधिकार) के तहत की जा रही पुनर्वास योजना का भी हाल बहुत ही बेहाल है.
आपको बता दें कि झरिया इलाके में भूमिगत आग कोयले में फैली हुई है और यह आग लगभग 100 वर्षों से भी अधिक समय से लगी हुई है. लेकिन कभी भी सरकार द्वारा इस आग को बुझाने का ठोस प्रयास नहीं किया गया. विज्ञान के इतने तरक्की के बाद इस आग को बुझाना नामुमकिन भी नहीं है. यहां पर रहने वाले लोग कोयला उत्खनन करने वाली कंपनी बीसीसीएल को ही दोषी मानते हैं.
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BCCL दे रहा है बढ़ावा
लोगों का कहना है कि आग को जानबूझकर बीसीसीएल प्रबंधन बढ़ावा दे रही है ताकि यहां से लोग खुद ही डर से भाग जाए और वह कोयला उत्खनन आसानी से कर सके. लोगों ने कहा कि यहां पर आग को बुझा दिया गया था जिंदगी भी सामान्य हो चली थी लेकिन झरिया से धनबाद रेलवे लाइन जो अब बंद हो चुकी है. बीसीसीएल प्रबंधन ने जानबूझकर ट्रेंच कटिंग करवाया और दबी हुई आग को भड़का दिया गया. जिसके बाद हवा पकड़ने के साथ-साथ आग धीरे-धीरे फैलने लगी. लोगों ने कहा बीसीसीएल जानबूझकर इस आग को बढ़ावा दे रही है ताकि लोग डरकर यहां से भाग जाए.
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