निरसा, धनबाद: कोरोना वायरस को लेकर जहां पूरा देश को लॉकडाउन किया गया है. इस स्थिति में जहां लोग को घरों से निकलने पर पूरी तरह से पाबंदी लगी हुई है. ऐसे में रोज कमाने-खाने वालों पर संकट का बादल मंडराने लगा है, जिसके कारण सैकड़ों परिवार की स्थिति बहुत ही दयनीय हो गई है. ताजा मामला निरसा विधानसभा के एग्यारकुंड प्रखंड के मेढ़ा पंचायत स्थित नया नगर का है. जहां पंचायत में रहने वाले दर्जनों ऐसे परिवार हैं जिसका स्थिति आज दयनीय हो गई है.
इस पंचायत में रहने वाली सोनी देवी अपने चार बेटियों के साथ प्लास्टिक से बने घरों में रहने को मजबूर हैं पति सोनू पासवान दिहाड़ी मजदूर हैं और लॉकडाउन की वजह से सारा काम धंधा बंद है जिसके कारण सोनू पासवान भूखे सोने को मजबूर है. सोनी देवी 3 माह पूर्व राशन कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन भी कर चुकी हैं, लेकिन वैश्विक महामारी में उस परिवार को जन वितरण प्रमाण प्रणाली के दुकानदार राशन भी नहीं रहे हैं.
भुखमरी के कगार पर परिवार, कोई नहीं ले रहा सूध
सोनी देवी के पास लाल कार्ड, राशन कार्ड की कोई व्यवस्था नहीं है और ना ही इसका कोई सुध लेने वाला है. वहीं इस पंचायत में ऐसे कई परिवार हैं जो भुखमरी के कगार पर हैं. लॉकडाउन में जहां सरकार अनेक योजनाओं को धरातल में उतारने में लगी है वहीं एग्यारकुंड प्रखंड के मेढ़ा पंचायत का कोई सूध लेने वाला तक नहीं है. ऐसे में कहीं न कहीं सरकार को इन योजनाओं को धरातल पर सही ढंग से उतारने के लिए प्रखंड स्तर पर जांच हेतु एक जिम्मेवार पदाधिकारी का होना अनिवार्य है. ताकि इस महामारी में किसी भी व्यक्ति को खाने-पीने की वजह से भुखमरी का सामना ना करना पड़े.
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