धनबाद: कोयलांचल में गणेश महोत्सव की तैयारी काफी पहले से ही शुरू हो जाती थी, लेकिन कोरोना के कारण इस बार पूरी तरह से फीकी रहेगी. मूर्तिकारों में भी इस बार निराशा के भाव हैं. लोग इस बार घर से ही पूजा करेंगे.
गणेश महोत्सव के अवसर पर मेले से लेकर कई तरह के बड़े कार्यक्रमों का आयोजन डिगवाडीह में होता था. लोगों की भींड भी यहां देखते बनती थी. 15 दिनों तक चलने वाले इस गणेश महोत्सव में झारखंड समेत पड़ोसी राज्यों से लाखों लोग यहां पहुंचते थे. कोरोना के कारण इस बार का महोत्सव का आयोजन बिलकुल ही साधारण ढंग से किया जाएगा. न तो किसी मेले का आयोजन होगा और न ही कोई कार्यक्रम होगा.
छोटी मूर्ति की मांग ज्यादा
शहर में गणेश महोत्सव को लेकर जगह-जगह पंडालों का भव्य निर्माण कर उनमें बड़े आकर्षक और सुंदर गणपति की प्रतिमाएं स्थापित की जाती थी, लेकिन कोरोना के कारण बड़ी गणपति की प्रतिमाओं की मांग में कमी आई है. इस बार गणपति की छोटी प्रतिमाओं की मांग की जा रही है. मूर्तिकारों का मानना है कि पहले जहां लोग बड़े पूजा पंडालों में गणपति की प्रतिमा स्थापित करने के बड़ी प्रतिमाओं की मांग करते थे. वहीं, इस वर्ष लोग छोटी मूर्तियों की मांग कर रहे हैं. ऐसे में उनकी आमदनी पर भी इसका असर पड़ा है.
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मूर्ति निर्माण सामग्री हुई महंगी
इसके साथ ही मूर्ति निर्माण में लगने वाली सामग्रियों की कीमत में भी कोरोना के कारण इजाफा हुआ है. 5 हजार की सामग्री 7 से 8 हजार में खरीदनी पड़ रही है. मूर्ति निर्माण की सामग्री ज्यादातर कोलकाता से आती है. कोलकाता में लॉकडाउन रहने के कारण सामग्री औने पौने दामों पर खरीदना पड़ रहा है. मूर्तिकारों ने कहा कि कुल मिलाकर अब इस कला में पेट पालना भी मुश्किल हो रहा है.