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कोरोना काल में दिहाड़ी मजदूरों को रोजगार-मजदूरी मिलना हुआ मुहाल, सरकार से मदद की गुहार - झारखंड में लॉकडाउन

धनबाद के दिहाड़ी मजदूर राज्य में लगे लॉकडाउन के कारण भूख से मरने की स्थिति में आ गए हैं. इस कोरोना काल में लॉकडाउन के पहले मजदूरों को कुछ एक काम मिल जाया करते थे, लेकिन अब वो भी बंद हो गया है. मजदूर मायूस होकर अपने गांव लौट रहे हैं.

Daily wage workers requested for help from government
दिहाड़ी मजदूर

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Published : Apr 23, 2021, 2:33 PM IST

धनबादः कोरोना वायरस देश में जिस तरह कहर बरपा रहा है उसे लेकर सभी राज्य और जिला अपने-अपने तरीके से वायरस के संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसे लेकर झारखंड में भी कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए 22 अप्रैल से 29 अप्रैल तक स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के नाम पर लॉकडाउन लगा दिया गया है. इसने दिहाड़ी मजदूरों को परेशानी में डाल दिया है.

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भुखमरी की स्थिति

पहले से कोरोना महामारी और अब उसपर से 7 दिनों तक चलने वाले झारखंड में लॉकडाउन से धनबाद जिले के दिहाड़ी मजदूरों के सामने भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है. कोरोना संक्रमण के कारण दिहाड़ी मजदूरों से काम लेना लोगों ने बंद कर दिया है लेकिन कभी कभार दिहाड़ी मजदूरों को काम मिल भी जाता था. अब लॉकडाउन की वजह से वह भी मिलना बंद हो गया.

मायूस होकर लौट रहे मजदूर

धनबाद जिले के हीरक रोड पर बिनोद बिहारी चौक के पास खड़े दर्जनों मजदूर का कुछ ऐसा ही कहना है. कई मजदूर बरवाअड्डा से तो कोई टुंडी से दिहाड़ी मजदूरी की तलाश में आए लेकिन उन्हें काम नहीं मिला. कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन में दिहाड़ी काम नहीं मिलने से नाराज ये सभी मजदूर सरकार से मदद की अपील कर रहे हैं. भूखे रहने की नौबत आ गई है. बात सिर्फ इन मजदूरों की नहीं है बल्कि धनबाद जिले में हजारों मजदूर हैं जो जिले के सुदूरवर्ती इलाके से मजदूरी की तलाश में शहर आते हैं पर मायूस होकर लौट जा रहे हैं.

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