धनबाद: वासेपुर जिसकी पहचान कभी गैंगवार की रूप में होती थी. शायद यही वजह है कि अनुराग कश्यप ने इस पर फिल्म भी बनाई. दर्शकों की पसंद पर पार्ट वन के बाद पार्ट टू फिल्म भी रिलीज की गई. लेकिन वासेपुर की वह बारूदी गंध की फिजा अब बदल चुकी है. यहां के लोग कोरोना काल में बेहद जागरूक और सतर्क हैं.
रांची का हिंदपीढ़ी हॉटस्पॉट घोषित किया जा चुका है. कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में दिन प्रतिदिन इजाफा हो रहा है. वहीं वासेपुर की आबादी हिंदपीढ़ी से दोगुनी से भी अधिक है. बावजूद इसके यहां संक्रमण का दूर-दूर तक कहीं नाम नहीं है. इसी वजह से वासेपुर की तश्वीर पूर्व की तश्वीरों से बिल्कुल अलग हो गई है. यहां के लोग जागरूक और बेहद सतर्क हैं.
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वासेपुर के मुमताज कुरैशी कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लॉकडाउन की घोषणा के बाद से ही अनुशासन के साथ निर्देशों का पूर्ण रूप से पालन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि स्थानीय पार्षद प्रशासन की बैठकों में शामिल होकर संक्रमण से बचाव को लेकर एहतियात बरत रहे हैं. वहीं स्थानीय पार्षद ने कहा कि प्रशासन के साथ लगातार समन्वय बनाकर काम किया जा रहा है.
स्थानीय युवा अधिवक्ता अनवर शमीम का कहना है कि कोविड 19 को लेकर यहां के लोग शुरू से ही काफी जागरूक थे. हल्की सी सर्दी खांसी होने पर वह तुरंत अपनी मेडिकल जांच करवाते थे. यही नहीं बाहर से आने वाले लोगों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही थी. प्रशासन को सूचित कर बाहरी लोगों को मेडिकल जांच कराने का आग्रह किया गया. वहीं महिलाएं और बच्चों ने भी लॉकडाउन का पूरी तरह से पालन करने की बात कही.
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लॉकडाउन के बाद से ही यहां के मस्जिदों में ताले जड़ दिए गए हैं. वासेपुर के बड़ा मस्जिद के इमाम साहब ने कहा कि मस्जिदों में भीड़ इकट्ठा न हो इसके लिए सरकार की घोषणा के बाद से यहां ताला लगा दिया गया है. लोगों से घरों में रहकर नमाज अदा करने अपील की गई. रमजान के पाक महीने में भी मस्जिद खाली है, इसका बेहद अफसोस है. लेकिन यह वक्त का तकाजा है. उन्होंने कहा कि हिंदपीढ़ी पर हमें बेहद अफसोस है. हिंदपीढ़ी के लोगों को कोरोना संक्रमण से मुक्ति मिले यही अल्लाह से गुजारिश करते हैं.
बहरहाल, हिंदपीढ़ी की गिनती हॉटस्पॉट में होने पर वासेपुर के लोग अफसोस बयां कर रहें हैं, लेकिन कल तक वासेपुर की जो तश्वीर लोगों के जेहन में थी, वह अब बदल रही है.