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धनबादः 40 फीसदी बिजली कटौती से लोग परेशान, करोड़ों रुपए बकाया के चलते डीवीसी की कार्रवाई - Dhanbad news

धनबाद में डीवीसी को बिजली का करोड़ों की बकाया राशि का भुगतान नहीं होने से जिले में लोगों को बिजली की 40 फीसदी कटौती झेलनी पड़ रही है. इससे लोग काफी परेशान हैं. दरअसल, शहरी क्षेत्र छोड़कर निरसा, झरिया, चास जैसे क्षेत्रों में बिजली की कटौती की जा रही है.

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Published : Jan 2, 2021, 2:57 PM IST

धनबादःडीवीसी के 4949.5 करोड़ रुपए बकाए को लेकर जिले में 40 फीसदी बिजली कटौती की जा रही है. इसका नागरिकों ने विरोध किया है. डीवीसी ने धनबाद समेत अन्य कमांड वाले क्षेत्रों में बिजली की 40 फीसदी कटौती ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. हालांकि बिजली विभाग के अधिकारियों को इस मामले में शीर्ष अधिकारियों के निर्णय का इंतजार है. वहीं, सांसद ने सरकार को इस पर ठोस निर्णय लेने की सलाह दी है. दूसरी तरफ व्यवसायियों ने डीवीसी को नियमित भुगतान करने को लेकर सुनिश्चित व्यवस्था करने की मांग की है.

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जिले में 40 फीसदी बिजली की कटौती शुरू हो गई है जिसके कारण हर कोई परेशान है. डीवीसी को करोड़ों रुपए की बकाया राशि भुगतान न करने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है. जीएम अजित कुमार का कहना है कि बिजली की कटौती शहरी इलाके को छोड़कर की जा रही है. शहर में पर्याप्त मात्रा में बिजली की आपूर्ति की जा रही है. निरसा, झरिया, चास जैसे क्षेत्रों में बिजली की कटौती की जा रही है. शीर्ष अधिकारी जल्द इस पर कोई निर्णय लेंगे. उन्होंने कहा कि राजस्व को लेकर क्षेत्र में लगातार छापेमारी की जा रही है और बकाया बिल वाले उपभोक्ताओं की बिजली का कनेक्शन काटा जा रहा है.

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वहीं, सांसद पीएन सिंह ने कहा कि राज्य के लिए यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है. डीवीसी के साथ बातचीत कर इस पर ठोस निर्णय राज्य सरकार नहीं ले पा रही है. डीवीसी को भी कोयला खरीदना पड़ता है. उन्हें अपने कर्मियों को वेतन का भुगतान करना पड़ता है अगर डीवीसी के पास पैसा नहीं रहेगा तो बिजली का उत्पादन भी ठप्प हो जाएगा. बिजली कर्मियों के समक्ष भी बेरोजगारी की समस्या खड़ी हो जाएगी. राज्य सरकार को इस पर जल्द पहल करनी चाहिए.

इस मामले में झारखंड ट्रेड एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल ने कहा कि झारखंड का ही कोयला लेकर डीवीसी यहां के लोगों को बिजली नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि सरकार से उन्हें वार्ता करनी चाहिए. सरकार को भी चाहिए कि उनके नियमित भुगतान की एक व्यवस्था करें. उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण बाजार और इंडस्ट्रीज की हालत पहले ही खराब है उस पर से बिजली की कटौती यह दोहरी मार है. आने वाले समय में इसके कारण बेरोजगारी बढ़ेगी.

विधायक राज सिन्हा ने कहा कि 100 यूनिट फ्री बिजली देने की घोषणा सरकार ने की थी. किसानों को मुफ्त में बिजली देने की बात कही गई थी. बिजली संबंधी आधारभूत संरचनाओं को विकसित करने की बात सरकार ने कही थी, लेकिन सब स्टेशन निर्माण का जो काम चल रहा था वह भी बंद हो चुका है अब यहां लोगों को सही से बिजली भी नही मिल रही है.

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