धनबादः धनबाद के जज उत्तम आनंद मौत मामले में CBI की जांच की आंच झरिया से कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह के करीबी रिश्तेदार तक पहुंच गई है. जांच एजेंसी ने कांग्रेस विधायक के मौसेरे देवर हर्ष सिंह को पूछताछ के लिए नोटिस दिया है. जांच एजेंसी सीबीआई ने हर्ष सिंह के घर पर नोटिस भी चस्पा करा दिया है. इससे पहले जांच टीम ने दोनों आरोपियों लखन वर्मा और राहुल वर्मा को सीबीआई ने सात दिन की रिमांड पर लिया था.
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बता दें कि धैया स्थित घर पर पहुंची सीबीआई टीम को विधायक के रिश्तेदार हर्ष सिंह नहीं मिले. इस पर टीम ने वहां नोटिस चस्पा किया और उन्हें फोन पर इसकी जानकारी दी. इधर हर्ष सिंह को पूछताछ के लिए नोटिस देने पर जांच एजेंसी के अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं. सीबीआई शूटर नंद कुमार से भी पूछताछ करने की तैयारी में है.
बता दें कि हर्ष सिंह पर झरिया के रंजय सिंह की हत्या की साजिश रचने का आरोप है. इस मामले में सरायढेला पुलिस हर्ष सिंह के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है. फिलहाल इस केस में हर्ष सिंह जमानत पर बाहर हैं. रंजय हत्याकांड की सुनवाई जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद ही कर रहे थे. इसलिए सीबीआई रंजय सिंह की हत्या मामले की फाइल खंगाल रही है
मौत की नहीं सुलझ रही गुत्थी, फिर रिमांड पर आरोपी
धनबादः जज उत्तम आंनद की मौत की गुत्थी सुलझाने को लेकर सीबीआई की टीम लगातार प्रयास कर रही है. लेकिन अभी तक जांच एजेंसी इस गुत्थी को सुलझा नहीं पाई है फिलहाल वह पूछताछ कर रही है और सुबूत जुटाने में जुटी है. इस कड़ी में जांच टीम ने पकड़े गए दोनों आरोपियों लखन वर्मा और राहुल वर्मा को एक बार फिर रिमांड पर लिया है. इससे पहले सीबीआई ने 29 सितंबर को आरोपियों को छह दिन की रिमांड पर लिया था. रिमांड अवधि पूरी होने के बाद दोनों को सीबीआई ने अदालत में पेश किया. यहां अदालत ने आरोपियों को फिर से सात दिनों की रिमांड पर भेज दिया.
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विशेष न्यायिक दंडाधिकारी अभिषेक श्रीवास्तव की अदालत में दोनों आरोपी लखन वर्मा और राहुल वर्मा को पेश किया गया. सीबीआई के द्वारा फिर से दोनों को 8 दिनों की रिमांड पर लेने की अदालत में अपील की गई. अदालत ने दोनों को सात दिनों के रिमांड पर देने का आदेश दिया.
सीबीआई ने कोर्ट में दिए आवेदन में बताया कि छह दिनों की पूछताछ के दौरान कई आपत्तिजनक सामान बरामद हुए हैं. आरोपियों के द्वारा लगातार बयान बदला जा रहा है. जिससे संदेह की स्थिति बन रही है. दोनों के व्यवहार से एक पेशेवर अपराधी होने की आशंका बन रही है. ऑटो के नंबर प्लेट की खोजबीन करने लिए थोड़े समय की और जरूरत है. पूछताछ में यह जानकारी हासिल की जा सकती है कि आखिर नंबर प्लेट कहां है. जांच में अपराध को अंजाम देने की बात सामने आ रही है. लेकिन इसमें संलिप्तता आखिर और किन लोगों की है यह सत्यापित किया जाना अतिआवश्यक है. इसके लिए दोनों को रिमांड पर लेना बेहद जरूरी है.
बता दें कि जज उत्तम आनंद की मौत 28 जुलाई को हुई थी. एक ऑटो के द्वारा उन्हें टक्कर मारी गई थी. सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद पुलिस हरकत में आई थी. सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाई कोर्ट दोनों ने इस मामले में संज्ञान लिया था.