धनबाद: जज उत्तम आनंद की मौत की गुत्थी को सुलझाने में सीबीआई की टीम ने जांच तेज कर दी है. इसी क्रम में सीबीआई की टीम मंगलवार को घटनास्थल पर पहुंची. जिसके बाद सीबीआई की टीम ने सड़क के आसपास और रणधीर वर्मा चौक से घटनास्थल की मापी की है.
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धनबाद जिला सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद मौत की जांच कर रही सीबीआई की टीम चौथी बार घटनास्थल रणधीर वर्मा चौक पहुंची. साथ में CFSL गुजरात की टीम भी मौजूद रही. इस टीम में तीन महिला विशेषज्ञ भी शामिल रहीं. दोनों टीम ने संयुक्त रूप से लगभग एक घंटे तक घटनास्थल पर साइंटिफिक तरीके से जांच पड़ताल की.
सुप्रीम कोर्ट से मिली फटकार के बाद सीबीआई की टीम केस को जल्द से जल्द सॉल्व करना चाह रही है. उधर कोर्ट से आदेश मिलने के बाद देर रात आरोपी राहुल और लखन वर्मा से साइंटिफिक तरीका अपनाकर पूछताछ की गई. जिसमें लाई डिटेक्टर टेस्ट के बाद मंगलवार को दोबारा सीबीआई की टीम अन्य तरह की जांच करा सकती है. घटना से जुड़े कुछ साक्ष्यों को जुटाने के लिए सीबीआई की टीम SSLNT महिला महाविद्यालय भी गयी.
बता दें कि सीबीआई की टीम घटनास्थल का पहले भी मुआयना कर चुकी है. सीबीआई की टीम के द्वारा क्राइम सीन भी यहां रीक्रिएट किया गया था. इसके तहत दोनों आरोपियों को ऑटो से घटनास्थल पर लाया गया था और पूरे घटनाक्रम को सीबीआई ने अपने थ्रीडी मशीन कैमरे में कवर किया था. वीडियोग्राफी के साथ-साथ एक स्क्रैच भी सीबीआई टीम के द्वारा घटना को लेकर बनाई जा रही.
क्या है पूरा मामला
28 जुलाई की सुबह जज उत्तम आनंद मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे. वॉक के दौरान ऑटो की चपेट में आने से उनकी मौत की बात सामने आई थी. लेकिन उसी दिन सीसीटीवी का एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें दिख रहे फुटेज से सामान्य हादसा होने पर सवाल उठ रहे थे. ऑटो में लोगों के बैठे होने और संदिग्ध अवस्था में उसके किनारे आ कर जज उत्तम आनंद को अपनी चपेट लेन जैसा लगता है. बाद में धनबाद एडीजे अष्टम उत्तम आनंद की पत्नी के बयान पर धनबाद के सदर थाने में अज्ञात ऑटो चालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी.
देखें वीडियोः कैसे ऑटो ने जज को मारी थी टक्कर हत्या के मामले में एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद राज्य पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर एडीजी अभियान संजय आनंद लाटकर के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गई थी. एसआईटी ने अब तक की जांच में सुनियोजित हत्या से जुड़ा कोई साक्ष्य नहीं पाया. वहीं, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया है. मामले में झारखंड हाई कोर्ट की ओर से मॉनिटरिंग की जा रही है. 30 जुलाई को झारखंड सरकार ने सीबीआई से जांच कराने की अनुशंसा की थी. इसके बाद सीबीआई टीम बुधवार को धनबाद पहुंच गई.