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देवघर: नए साल में पर्यटन स्थल पर जुटने लगे सैलानी, ताक पर कोरोना गाइडलाइन

देवघर में पर्यटन स्थल पर नए साल में लोगों की भीड़ देखने को मिल रही है. पर्यटकों के पहुंचने से स्थानीय लोगों को रोजगार मिल रहा है. हालांकि कोरोना के मद्देनजर पर्यटक स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था मुहैया नहीं कराई जा रही है.

Trikut mountain in deoghar
त्रिकुट पर्वत

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Published : Dec 31, 2020, 1:53 PM IST

देवघर: प्राकृतिक छटा से भरपूर देवघर का प्रसिद्ध पर्यटक स्थल त्रिकुट पर्वत लॉकडाउन के बाद फिर से सैलानियों से गुलजार होने लगा है. कोरोना बंदी के लंबी अवधि के बाद पहली बार यहां पर्यटकों की भीड़ जुटने लगी है. पर्यटकों के जुटने से यहां की रौनक फिर से लौटने लगी है. बंद पड़ी दुकानें सजने लगी हैं.

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पर्यटक के पहुंचने से खुश हैं दुकानदार

8 माह की कोरोना बंदी के दौरान भुखमरी के कगार पर पहुंच गए यहां के दुकानदार भी रौनक लौटने पर खुश हैं. खासकर सर्दी के मौसम में देश के कई राज्यों से पर्यटक यहां की प्राकृतिक क्षटा का भरपूर आनंद उठाने पहुंचते हैं. प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर इस मनोरम स्थल को प्रकृति ने दोनों हाथों से नवाजा है. कश्मीर घाटी के मनोरम दृश्य का अहसास कराता इसका प्राकृतिक सौंदर्य सैलानियों को अपनी और आकर्षित करता है. बदलों की गोद में बैठकर प्राकृतिक का आनंद लेने सैलानी यहां रोपवे के जरिये पहाड़ के चोटी का सफर करना नहीं भूलते.

2009 में हुआ था रोपवे का निर्माण

दरअसल, पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वर्ष 2009 में करोड़ों की लागत से यहां रोपवे का निर्माण कराया गया, जिसके संचालन का जिम्मा कोलकाता के निजी कंपनी दामोदर रोपवे एंड इन्सफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को दिया गया, लेकिन कोरोना बंदी के कारण रोपवे भी पूरी तरह बंद था. अब सैलानियों को फिर से यहां पहुंचने से रोपवे संचालक भी काफी खुश है. हालांकि, पहाड़ के ऊपर विभाग द्वारा सैलानियों के लिए कोई सुविधा नहीं उपलब्ध कराई गई है. सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं होने से सैलानियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.

बहरहाल, कोरोना बंदी के बाद पर्यटक स्थलों को खोले जाने के बाद जिला प्रशासन ने कोरोना गाइडलाइन पालन करने का निर्देश दिया था, लेकिन पर्यटक स्थल पर इसका पालन नहीं हो पा रहा है. हालांकि, डिस्ट्रिक डिजास्टर मैनेजमेंट के तहत वैसे लोगों से अर्थदंड वसूला जाएगा, जो बिना मास्क लगाए पहुंचेंगे.

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