देवघर: पर्यटक स्थल त्रिकुट पर्वत जिला मुख्यालय से 17 किलोमीटर दूर स्थित है, जहां. भगवान शिव और रावण से जुड़ी कई कहानियां हैं. ऐसा माना जाता है कि त्रिकुट पर्वत जड़ी बूटियों का भंडार है. इस पर्वत से एक झरना भी निकलती है, जिसके पानी में कई औषधियां पाई जाती हैं.
मिनरल वाटर से कम नहीं इसका पानी
त्रिकुट पर्वत पर पहाड़ों की तराई से सैकड़ों वर्षों से झरना बह रहा है. स्थानीय जानकर बताते हैं कि यह जल स्रोत कहां से आया इसकी जानकारी अब तक नहीं लगाया जा सका है. इस झरने का पानी लोगों के लिए मिनरल वाटर से कम नहीं है. झरने का पानी काफी ठंडा रहता है. ऐसा माना जाता है कि इस पानी से पेट संबंधी बमारियां दूर हो जाती हैं. गैस, जॉन्डिस, पाचन जैसे तमाम बीमारियों के लिए फायदेमंद है. इस पानी को लेने आसपास के इलाके सहित दूर-दराज के लोग आते हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि इस झरने का पानी महीनों तक रखने से खराब नहीं होता है.