देवघर: बाबा बैद्यनाथ की पूजा अर्चना की अपनी अलग ही परंपरा है. इस परंपरा में प्रातःकालीन पूजा के समय कांचा जल चढ़ाने की प्रथा है, जो सदियों से चली आ रही है. कांचा जल चढ़ाने का अधिकार पंडा समाज के लोगों को ही मिला है. जिसके बाद शिव भक्त भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं.
कांचा जल के स्थान से जागते हैं बाबा
बाबा मंदिर से जुड़ी हर कथा निराली है जो मन को सुकून और श्रद्धा की ज्योत जलाती है. रोजाना बाबा की प्रातःकालीन पूजा कच्चा जल पूजा से शुरू होती है. कच्चा जल का अर्थ पवित्र जल होता है. इस जल से प्रातः मंदिर का पट खुलने के साथ ही सोए हुए बाबा भोलेनाथ को जगाने के लिए शिवलिंग को पवित्र जल से स्नान कराया जाता है. इस पूजा के बाद ही कावरियां बाबा भोले को जल चढ़ाते हैं.