देवघरः ठंडे प्रदेशों में स्ट्रॉबेरी की खेती होती है. लेकिन देवघर के किसान स्ट्रॉबेरी की खेती कर अच्छी कमाई कर रहे हैं. इसको लेकर झारखंड सरकार ने राज्य के किसानों को प्रशिक्षण के लिए इजराइल भेजा. इसमें देवघर जिले के पदनबोरा गांव के वकील यादव भी शामिल थे. वकील यादव प्रशिक्षण लेकर लौटे तो अपने 50 डिसमिल खेत में स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की. अब पदनबोरा गांव और आसपास के गांवों के 10 से अधिक किसान स्ट्रॉबेरी की खेती कर अच्छी आमदनी कर रहे हैं.
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औषधीय गुणों की वजह से दुनिया के विकसित देशों में स्ट्रॉबेरी को काफी पसंद किया जाता है. हालांकि, भारत में आइसक्रीम के साथ साथ केक और मिल्क प्रोडक्ट में काफी उपयोग होता है. इससे स्ट्रॉबेरी की डिमांड बढ़ गई है. पदनबोरा गांव के वकील यादव को खेती से बहुत लगाव है. यही वजह थी कि झारखंड सरकार ने उन्हें प्रशिक्षण के लिए इजराइल भेजा. प्रशिक्षण लेने के बाद वकील यादव ने खुद स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की. इसके साथ ही आसपास के गांवों के किसानों को स्ट्रॉबेरी की खेती करने का प्रशिक्षण दिया.
वकील यादव ने बताया कि इजराइल से प्रशिक्षण लेकर लौटे तो स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की. खेती शुरू करने से पहले खेतों की मिट्टी जांच कराई. इसके बाद कृषि विभाग से स्ट्रॉबेरी के पौधे मंगवाए. उन्होंने बताया कि शुरूआत में स्ट्रॉबेरी की खेती को लेकर कई मुश्किलें आई, लेकिन अब उत्पादन ठीक है. उन्होंने कहा कि स्ट्रॉबेरी की खेती में कृषि विभाग के अधिकारी और जेएसएलपीएस की ओर से काफी मदद मिली. हालांकि, झारखंड में स्ट्रॉबेरी की खेती में लगे किसानों को मार्केटिंग में कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. स्ट्रॉबेरी की मार्केटिंग की सुविधा मिल जाए तो अच्छा मुनाफा किसानों को मिलने लगेगा.