देवघर: विविधताओं से भरा कामनालिंग बाबा बैद्यनाथ का दरबार जिसकी परंपरा भी अद्वितीय निराली है और इससे भी निराली बाबा मंदिर में लगने वाली विल्वपत्र प्रदर्शनी है. बेल पत्र के बारे में कहा जाता है कि इस पत्र को शिवलिंग पर चढ़ाने से शिव बहुत प्रसन्न होते हैं. जिसे देख भक्त भावविभोर हो रहे है.
देवघर बाबा भोले के तीन नेत्र है और बेलपत्र के तीन पट्टी इसका सूचक है. वर्षों से बाबा बैद्यनाथ के दरबार में ही विल्वपत्र की आकर्षक प्रदर्शनी लगाई जाती है. यह सावन में पूरे महीने तक चढ़ता है. असाढ़ संक्रांति के अवसर पर बाबा मंदिर में विल्वपत्र की प्रदर्शनी की शुरुआत की जाती है और सावन संक्रांति के दिन इसका समापन किया जाता है.
सभी पंडा बिहार-झारखंड के विभिन्न जंगलों से विल्वपत्र खोज कर लाते है और उसे प्रदर्शनी के दिन चांदी या स्टील के थाली में सजाकर बाबा मंदिर पहुंचते हैं. भारत ही नहीं पूरे विश्व में धर्म को जागृत करने के लिए ऐसी प्रदर्शनी लगाई जाती है. जो सिर्फ बाबाधाम देवघर में ही होता है. यहां पंडा समाज द्वारा ये प्रदर्शनी लगाई जाती है.