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सावन की अंतिम सोमवारी पर देवघर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, बन रहा अच्छा संयोग

सावन का महीना (month of sawan) भगवान शंकर को समर्पित होता है. इस माह मे विधि विधान से भगवान शंकर की पूजा की जाती है. सावन महीने के सोमवार का बहुत अधिक महत्व होता है. सावन की अंतिम सोमवारी (last Monday of Sawan) के अवसर पर देवघर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी.

Crowd of devotees gathered in Deoghar
Crowd of devotees gathered in Deoghar

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Published : Aug 8, 2022, 3:33 PM IST

Updated : Aug 8, 2022, 4:24 PM IST

देवघरः सावन का पावन महीना चल रहा है. आज सावन महीने की अंतिम सोमवारी है. 12 अगस्त को पूर्णिमा के बाद भाद्रपद महीने की शुरुआत हो जाएगी. भगवान शिव की भक्ति के लिए सावन का सोमवार उत्तम माना जाता है. इस दिन व्रत रख सच्चे मन से रुद्राभिषेक या जलाभिषेक करने से तमाम सुखों की प्राप्ति होती है. रुद्राभिषेक करने से समस्त दुखों का नाश होता है. ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है. सावन की अंतिम सोमवारी(last Monday of Sawan) के मौके पर बिहार, बंगाल, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों से श्रद्धालु बाबा मंदिर देवघर पहुंचे हैं.

अंतिम सोमवारी को बन रहे अच्छे संयोग:सावन के चौथे और अंतिम सोमवारी (last Monday of Sawan) पर एकादशी और रवि योग का संयोग बन रहा है. इस दिन श्रवण माह के शुक्ल पक्ष की पवित्रा एकादशी है. सावन पवित्रा एकादशी को पुत्रदा एकादशी भी कहा जाता है. इस दिन शिव और भगवान विष्णु की पूजा लाभकारी माना जाता है.

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इस बार श्रावण रहा कई मायनों में खास:इस श्रावणी मेला में तीन अर्घा की व्यवस्था की गई. बाबा मंदिर मे गर्भगृह के अलावा मंदिर परिसर में बाह्य अर्घा जलार्पण के लिए तीन अर्घा अलग से हैं. इसके माध्यम से भी बड़ी संख्या में कांवरिया जलार्पण कर रहे हैं. जलार्पण करने के बाद कांवरियों का उमंग देखते ही बन रहा था.


प्रशासन की रही बेहतर व्यवस्था: सुल्तानगंज से 105 किलोमीटर की पैदल कष्टदायी यात्रा कर श्रद्धालु बाबा मंदिर पहुचते हैं. वहीं श्रद्धालु के लिए बेहतर ओर सुगमतापूर्वक जलार्पण के लिए और कावरियों की सुरक्षा के लिए 10000 से ज्यादा जवान पूरे मेले मे तैनात किए गए हैं. भीड़ नियंत्रण के लिए मंदिर के निकास द्वार पर त्वरित कार्य बल के जवानों को लगाया गया. मंदिर के आस पास 50 के अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. पूरे मेला परिसर मे कई स्थानों पर सूचना केंद्र की स्थापना की गई.

रास्ते में कृत्रिम बारिश का भी किया गया इंतजाम:कांवरिया पथ में कांवरियों की सुविधा के लिए कृत्रिम वर्षा की व्यवस्था की गई है. कांवरियों के राह से गुजरते ही इंद्र वर्षा के माध्यम से उनपर वर्षा की जाती है. इस दौरान कांवरियों के पैरों पर पानी डाला जाता है.

Last Updated : Aug 8, 2022, 4:24 PM IST

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