देवघर: कोलकाता-दिल्ली मुख्य रेल मार्ग का जसीडीह स्टेशन जहां लाखों लोग रोजाना आना जाना करते थे, लेकिन फिलहाल कोरोना में लगाए गए लॉकडाउन के कारण सभी रेल सेवाएं बंद हैं, इसलिए यहां के कुलियों की माली हालत भी दयनिय हो गई है. संताल परगना का एक मात्र A ग्रेड रेलवे स्टेशन हैं जसीडीह. जहां सैकड़ों की संख्या में रेल का परिचालन होता है. फिलहाल महज एक्का-दुक्का ट्रेनों का ही परिचालन हो रही है.
चार महीना बीतने को है और रेल पर निर्भर कुली जो हमेशा दूसरों का बोझ उठाते थे. आज लॉकडाउन के कारण भुखमरी के कगार पर हैं. देवघर से महज 7 किलोमीटर दूर स्थित जसीडीह स्टेशन जहां कुल 72 कुली रेल के सहारे अपना जीविकोपार्जन करते थे. लॉकडाउन के पहले यहां से लगभग 60 से 70 ट्रेने गुजरती थी, लेकिन अब सिर्फ दो ट्रेन यहां से गुजर रही हैं. फिलहाल चल रही ट्रेनों में पटना हावड़ा जन सताब्दी एक्सप्रेस और हफ्ते में दो दिन हावड़ा-नई दिल्ली पूर्वा एक्सप्रेस है. ये कुली कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन में भुखमरी के कगार पर आ गए हैं. जसीडीह स्टेशन के कुली बताते हैं कि पिछले चार महीने से लॉकडाउन की मार झेल रहे हैं. अब अगर एक दो ट्रेन चल भी रही हैं तो यात्री खुद अपना सामान ढो लेते हैं.
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वहां के कुलियों ने कहा कि रेल प्रशाशन हमें प्लेटफार्म पर जाने की इजाजत नहीं दे रही है. 200-400 रुपये कमाकर अपना रोजी-रोटी चलाते थे, लेकिन कुछ महीनों से रेल परिचालन ठप होने के कारण भुखमरी की स्थिति हो गई है. कुलियों ने कहा कि दिहाड़ी मजदूरी में भी काम नहीं मिल रहा है. ऐसे में अब परिवार चलाने में काफी कठिनाई हो रही है. इसके बाद भी आज तक किसी ने सुध नहीं लिया. जसीडीह स्टेशन के कुलियों ने रेल सरकार से कुछ आर्थिक मदद की भी मांग की है.