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इस दिवाली कुम्हारों की उम्मीद होगी पूरी, बाजार नहीं पहुंचा चाइना का सामान

दिवाली का पर्व कुम्हारों के लिए हर साल एक नई उम्मीद लेकर आता है. मिट्टी के खिलौनों की बिक्री अच्छी हो और आमदनी इतनी हो की किसी तरह साल गुजर जाए, इसी उम्मीद से कुम्हार महीनों पहले से काम में जुट जाते हैं. वहीं, इस साल की खास बात यह भी है कि भले ही कोरोना काल हो, लेकिन इसके साथ ही बाजार में चाइना के सामान भी ना के बराबर हैं. ऐसे में कुम्हार अच्छी आमदनी की आस लगा रहे हैं.

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कुम्हार

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Published : Nov 7, 2020, 8:11 AM IST

देवघर: इस दफे दिवाली को लेकर कुम्हारों में काफी खुशी है और पूरी उम्मीद के साथ पूरा परिवार दिन रात मिट्टी के दिये और खिलौने बनाने में जुटे हुए हैं. वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर सभी दुकानें और अनुष्ठान बंद होने के कारण किसी भी प्रकार की मिट्टी का सामान नहीं बिकने से स्थिति भुखमरी तक पहुंच गई थी और सभी कुम्हारों में मायूसी छा गई थी. बीते कुछ दिनों पहले सरकार की ओर से अनलॉक की घोषणा के बाद कुछ बाजार खुलने से कुम्हारों को उम्मीद की किरण दिखाई जरूर दी मगर नतीजा सिफर रहा, लेकिन इस दिवाली को लेकर कुम्हार काफी उम्मीद लगा बैठे हैं.

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कुम्हार बताते हैं कि इस दफे चाइना का सामान भी बाजार नहीं पहुंच पा रहा है और कोरोना को लेकर लोगों को सभी उत्सव घर में ही रहकर मनाने का सरकार की ओर से निर्देश दिया जाता रहा है. ऐसे में लोग दिवाली घर में ही रहकर मनाएंगे जिससे काफी उम्मीद है कि इस दिवाली लॉकडाउन में हुए नुकसान की भरपाई भी हो पाएगी, जिसके लिए पूरा परिवार दिन रात मेहनत कर दिये, खिलौने, कलश जैसे मिट्टी का सामान बीते एक महीने से लगातार बना रहे हैं.

बहरहाल, कुल मिलाकर इस दिवाली कुम्हारों को काफी उम्मीद है और चाइनीज सामान भी बाजार नहीं पहुंच रहा है. ऐसे में लोग इस दफे मिट्टी का बना समान ही खरीदेगा जिस उम्मीद के साथ पूरा परिवार जुटा हुआ है. अब देखना यह कि इन कुम्हारों के प्रति लोगों का रुझान दिवाली में क्या है या फिर इन कुम्हारों की उम्मीद फिर से मिट्टी में मिल जाएगी या फिर उम्मीद की किरण कुम्हारों तक जरूर पहुंचेगी जो देखना दिलचस्प होगा.

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