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शहीद की प्रतिमा को असामाजिक तत्वों ने किया क्षतिग्रस्त, माल्यार्पण के बाद कांग्रेस निकालने वाली थी गौरव यात्रा - आजादी का अमृत महोत्सव

1957 की क्रांति को भारत की पहली आजादी की लड़ाई कहा जाता है. इसी क्रांति के शहीदों की प्रतिमा को देवघर में असामाजिक तत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दिया (Anti social elements damaged statue of martyrs). यहां से मंगलवार को कांग्रेस अपनी गौरव यात्रा निकालने वाली थी.

Azadi Ka Amrit Mahotsav program
Azadi Ka Amrit Mahotsav program

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Published : Aug 9, 2022, 3:37 PM IST

Updated : Aug 9, 2022, 3:54 PM IST

देवघर:देश में आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम (Azadi Ka Amrit Mahotsav program) चल रहा है, जिसके तहत केंद्र सरकार हर घर तिरंगा अभियान चला रही है. कांग्रेस आजादी के 75वीं वर्षगांठ पर गौरव यात्रा निकाल रही है. इसी क्रम में कांग्रेस को रोहिणी के शहीद स्थल से शहिद सलामत अली, अमानत अली और शेख हारूं पर माल्यार्पण कर इस कार्यक्रम की शुरुआत करना था, इससे पहले ही असामाजिक तत्वों ने अमानत अली की प्रतिमा को खंडित कर दिया (Anti social elements damaged statue of martyrs). इसको लेकर स्थानीय लोगों मे काफी आक्रोश दिखा.

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देवघर में असमाजिक तत्वों ने शहीद अमानत अली की प्रतिमा क्षतिग्रस्त कर दी है (Anti social elements damaged statue of martyrs). इन्हीं की प्रतिमा का मालार्पण कर कांग्रेस को गौरव यात्रा निकालनी थी. मूर्ति खंडित होने की सूचना जैसे ही पुलिस को लगी वह तुरंत मौके पर पहुंची. इस दौरान वहां जनप्रतिधियों का जमावड़ा लग गया. यहां वार्ड सदस्य रीता चौरसिया ने कहा कि प्रतिमा किसने क्षतिग्रस्त की है इसकी निष्पक्ष जांच करते हुए दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए.

जानकारी देते संवाददाता परमजीत कुमार


16 जून 1857 को दी गई थी फांसी:1857 में देश में आजादी की चिंगारी पूरे देश मे भड़क चुकी थी, इन दिनों रोहिणी मे 5वीं अस्थायी घुड़सवार सेना की छावनी अस्थापित थी. 8 अप्रैल 1857 को स्वतंत्रता संग्राम के नायक मंगल पांडेय को फांसी पर लटका दिए जाने की घटना के बाद क्रांति पूरे देश मे फैल गई. शहादत की खबरों ने रोहिणी छावनी के क्रांतिकारियों को भी भड़का दिया जिसके बाद सलामत अली, अमानत अली और शेख हारूं ने भारत मां के जयकारा लगाते हुए अंग्रेज अफसर मेजर नॉर्मनलेजली को मौत के घाट उतार दिया. हालांकि इसके बाद अंग्रेजों ने इन्हें पकड़ लिया और आम के पेड़ पर फांसी के फंदे पर लटका दिया. उनकी शहादत को नमन करने के लिए उसी स्थान पर तीनों शहीदों की प्रतिमा बनवाई गई थी, जिसे मंगलवार को शरारती तत्वों में क्षतिग्रस्त कर दिया.

Last Updated : Aug 9, 2022, 3:54 PM IST

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