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Cyber Crime: देवघर में 15 साइबर अपराधी गिरफ्तार, दो हैं हिस्ट्रीशीटर

देवघर लगातार साइबर अपराध का गढ़ बनता जा रहा है. दूसरी तरफ जिला पुलिस लगातार कार्रवाई कर इनकी गिरफ्तारी कर रही है. गुरुवार को देवघर पुलिस ने विभिन्न थानों से 15 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है.

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Published : Aug 5, 2021, 9:35 PM IST

देवघरः जिला में साइबर अपराध लगातार बढ़ रहा है तो पुलिस भी लगातार इन लोगों पर नकेल कस रही है. देवघर पुलिस को फिर सफलता मिली है. जिसमें पुलिस ने जिला के विभिन्न थाना इलाके से 15 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है.

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देवघर पुलिस ने गुरुवार को 15 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. साइबर थाना की पुलिस ने देवघर जिला के करौं थाना क्षेत्र के दिगबाद, पथरड्डा ओपी क्षेत्र के करहैया, पथरौल थाना क्षेत्र के करैयाटांड और कुंडा थाना क्षेत्र के गौरीपुर, तेतरिया और बांधडीह गांव से 15 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. फिलहाल पुलिस गिरफतार साइबर अपराधियों से पूछताछ में मिली जानकारी के अनुसार छापेमारी कर रही है.

मुख्यालय डीएसपी मंगल सिंह जामुदा ने प्रेस वार्ता कर पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि इन साइबर अपराधियों के पास से 27 मोबाइल, 36 सिम कार्ड, 15 एटीएम कार्ड, चार पासबुक, चार चेकबुक और एक लैपटॉप बरामद किया गया है. गिरफ्तार अपराधियों में 26 वर्षीय अनुज मंडल, 19 वर्षीय उदित दास, 38 वर्षीय किशोर दास, 25 वर्षीय कमलेश दास, 22 वर्षीय रोहित दास, 25 वर्षीय चंदन दास, 19 वर्षीय नंदलाल कुमार, 26 वर्षीय पवन मंडल, 19 वर्षीय मुकेश मंडल, 22 वर्षीय भारत मंडल, 24 वर्षीय अभिमन्यु मंडल, 30 वर्षीय रुपेश मंडल, 25 वर्षीय तुलसी मंडल, 23 वर्षीय नंदलाल मंडल और 22 वर्षीय नित्यानंद दास का नाम शामिल है.

डीएसपी की ओर से यह भी जानकारी दी गयी कि गिरफ्तार साइबर अपराधी किशोर दास और अनुज मंडल का आपराधिक इतिहास रहा है. किशोर मंडल देवघर नगर थाना में दर्ज एक मामले में आरोपी है, जबकि अनुज मंडल पश्चिम बंगाल के फरक्का थाना में दर्ज साइबर अपराध में आरोपी है. इसके अलावा डीएसपी ने बताया कि इन साइबर अपराधियों की ओर से साइबर ठगी की घटना को अंजाम देने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जाते थे.

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साइबर अपराधी गूगल सर्च इंजन का कस्टमर केयर अधिकारी बनकर लोगों को लॉटरी का प्रलोभन देकर पैसों की ठगी करते थे. साथ ही ये साइबर अपराधी फर्जी बैंक अधिकारी बनकर लोगों को फोन करते हैं और उन्हें बताते हैं कि उनका एटीएम बंद होने वाला है. इसके अलावा केवाइसी अपडेट कराने के नाम पर भी ठगी की जाती है. इन अपराधियों साइबर ठगी के लिए गूगल-पे का भी सहारा लिया जाता था. साथ ही साइबर अपराधियों की ओर से वर्चुअल पेमेंट एड्रेस के माध्यम से भी ठगी की जाती थी.

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