चाईबासा: झारखंड के मुख्यमंत्री के प्रवासियों मजदूरों को लेकर जारी निर्देश के बावजूद छतीसगढ़ राज्य के बिलासपुर जिले के 26 मजदूर घर जाने को लेकर परेशान हैं. मजदूरों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी कराया. मजदूर यहां सरकारी व्यवस्था और परमिशन को लेकर भी मारामारी की वजह से अब वह पैदल ही छतीसगढ़ के बिलासपुर जिले के लिए निकलने को बाध्य हैं. मजदूरों में 13 पुरुष 11 महिला और दो बच्चे शामिल हैं.
छत्तीसगढ़ के लिए बच्चों के साथ पैदल ही निकले मजदूर, सरकार नहीं ले रही सुध - Chhattisgarh workers stranded in Jharkhand
मनोहरपुर प्रखंड मुख्यालय से मात्र आधा किमी दूर एक ईंट-भट्ठे में काम करने वाले 24 मजदूर और उनके साथ 2 बच्चे पिछले 10 दिनों से वापस अपने घर छतीसगढ़ के बिलासपुर जाने को लेकर दर-दर की ठोकर खा रहे हैं. झारखंड के मुख्यमंत्री के प्रवासियों मजदूरों को लेकर जारी निर्देश के बावजूद छतीसगढ़ राज्य के बिलासपुर जिले के 26 मजदूर घर जाने को लेकर परेशान हैं.
छत्तीसगढ़ के लिए बच्चों के साथ पैदल ही निकले मजदूर
ईंठ-भट्ठा मालिक से पूर्ण रूप से सहयोग नहीं मिलने के कारण सभी मजदूर लॉकडाउन में दिन के एक वक्त नंदपुर पंचायत भवन में संचालित दीदी किचन में भोजन कर लेते हैं. रात में वह किसी तरह खुद खाना पका कर खाते हैं. मजदूरों की मानें तो उनका कहना है कि वे भविष्य में और यहां खासकर ईंट भठ्ठा में काम करने कभी नहीं आएंगे. उन्हें बुरा लगा है कि लॉकडाउन में उन्हें भट्ठा मालिक से उचित मदद नहीं मिली और न ही मालिक ने उनके साथ अच्छा व्यवहार किया.