चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम झारखंड के सबसे पुराने जिलों में से एक है. अंग्रेजों ने 1837 में कोल्हान पर विजय के बाद चाईबासा को मुख्यालय बनाया था. उसके बाद 1990 में पुराने सिंहभूम जिले के विभाजन के बाद पश्चिम सिंहभूम अस्तित्व में आया. इसे 23 प्रखंडों के साथ पश्चिम सिंहभूम जिला बनाया गया.
वीडियो में देखें ये स्पेशल स्टोरी 2001 में पश्चिम सिंहभूम दो भागों में विभाजित हो गया, जिसके बाद सरायकेला अलग जिला बनाया गया. पश्चिम सिंहभूम जिला 18 प्रखंडों और 3 अनुमंडलों के साथ जिला बना. यह जिला पहाड़ी ढलानों, घाटियों, पहाड़ों और घने जंगलों से भरा पड़ा है. यहां लौह अयस्क, लाइम स्टोन पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. पश्चिम सिंहभूम जिले की आबादी का अधिकांश हिस्सा जनजातीय आबादी का है.
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पश्चिम सिंहभूम जिले में अनुसूचित जनजाति का खास दबदबा है. इस जिले में उरांव, संथाल समुदाय, महतो (कुडमी), प्रधान, गोप, गौड़, समेत कई अनुसूचित जनजाति, ईसाई और मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में रहते हैं.
पश्चिम सिंहभूम जिले की सभी विधानसभा सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. 2014 के विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 5 सीटों चाईबासा, मझगांव, खरसावां, मनोहरपुर और चक्रधरपुर पर जीत दर्ज की थी. वहीं जगन्नाथपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी गीता कोड़ा ने जीत दर्ज की थी, जो पश्चिम सिंहभूम से मौजूदा सांसद हैं.
अब तक के विधायक
- चाईबासा विधानसभा 2005 में पुतकर हेम्ब्रम(भाजपा)
- चाईबासा विधानसभा 2009 में दीपक बिरूआ(झामुमो)
- चाईबासा विधानसभा 2014 में दीपक बिरूआ(झामुमो)
विधायक का अपना अलग ही है तर्क
विगत 5 सालों के दौरान विकास को लेकर चाईबासा विधायक दीपक बिरूआ का अपना अलग ही तर्क है. उनकी मानें, तो विकास कार्य की प्लानिंग सरकार के पास होती है. विकास कार्यों की उपलब्धियों की गिनतियां सरकार से मांगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार दिवालिया हो गई है.
रघुवर सरकार ने किया विकास
भाजपा के जिला प्रवक्ता हेमंत केसरी का कहना है कि बीते 5 सालों में विधायक की ओर से कोई काम नहीं किया गया है. सभी विकास के कार्य सरकार के द्वारा किए गए हैं. चाईबासा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा सरकार के द्वारा सड़क, बिजली, पानी के साथ ही दूसरे विकास कार्य किए गए हैं.
क्या कहते हैं ग्रामीण
चाईबासा विधायक दीपक बिरूआ को लेकर ग्रामीण कि अपनी अलग-अलग राय है. कुछ ग्रामीण कहते हैं कि विधायक ने कोई कार्य नहीं किया, तो कुछ का कहना है कि विधायक ने जितना काम करना था उन्होंने उतना नहीं किया है. विकास कहीं दिखता ही नहीं है.