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चाईबासा के इन 2 गांव में सरकार से नाराज मतदाताओं ने किया वोट बहिष्कार, सूने पड़े रहे बूथ - Singhbhum Lok Sabha seat

किनके पंचायत के सिंगलदीप और कोइतुका गांव के सभी ग्रामीणों ने गांव में सड़क और पुलिया नहीं बनने के कारण करीब 497 मतदाताओं ने मतदान केंद्र संख्या 90 से मतदाताओं ने वोटिंग का बहिष्कार कर दिया. ग्रामीणों ने बताया कि यह गांव पिछले 70 सालों से अपने मूलभूत अधिकारों से वंचित है. इनमें सड़क, पुलिया, पानी, बिजली, आवास, शौचालय ये सभी सरकार की विकास योजनाएं आज तक इस गांव के ग्रामीणों तक नहीं पहुंची.

चाईबासा में वोटिंग बहिष्कार

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Published : May 12, 2019, 11:34 PM IST

चाईबासा: सिंहभूम लोकसभा सीट में मतदान को लेकर एक ओर सुबह से ही मतदान केंद्र पहुंचकर लोगों ने मतदान किया. वहीं, दूसरी ओर पश्चिम सिंहभूम के चक्रधरपुर अनुमंडल अंतर्गत किनके पंचायत में सिंगल दीप और कोईतूका गांव के सभी ग्रामीणों ने वोट का बहिष्कार कर दिया.

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किनके पंचायत के सिंगलदीप और कोइतुका गांव के सभी ग्रामीणों ने गांव में सड़क और पुलिया नहीं बनने के कारण करीब 497 मतदाताओं ने मतदान केंद्र संख्या 90 से मतदाताओं ने वोटिंग का बहिष्कार कर दिया. ग्रामीणों ने बताया कि यह गांव पिछले 70 सालों से अपने मूलभूत अधिकारों से वंचित है. इनमें सड़क, पुलिया, पानी, बिजली, आवास, शौचालय ये सभी सरकार की विकास योजनाएं आज तक इस गांव के ग्रामीणों तक नहीं पहुंची.

गांव में विकास और ग्रामीणों के मूल अधिकारों को लेकर कई बार मौखिक और लिखित शिकायत अधिकारियों से की, लेकिन इसके बावजूद भी किसी जनप्रतिनिधि और अधिकारियों ने इस गांव की ओर ध्यान नहीं दिया. इस वजह से सभी मतदाताओं ने वोटिंग का बहिष्कार किया है. ग्रामीणों के अनुसार उनके कई ऐसे ग्रामीण हैं, जो इलाज के लिए शहर तक जा भी नहीं सकते रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं.

कई महिलाएं प्रसव के लिए अस्पताल तक नहीं पहुंच पाती हैं. ग्रामीणों ने विधायक शशि भूषण सामड को कई बार गांव बुलाकर अपनी समस्या के बारे में बताया. जिस पर उनके द्वारा भी आश्वासन के अलावा और कुछ नहीं मिला. स्थानीय सांसद लक्ष्मण गिलुवा भी आज तक उनके गांव नहीं आए. जबकि उनके गांव से सटे हुए गांव जनटा लक्ष्मण गिलुवा की जन्म भूमि है, फिर भी उनके गांव की सुध आज तक नहीं ली गई. ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार करते हुए मांग की है कि उनके गांव के ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं दी जाएं, वरना आजीवन वोट नहीं देंगे.

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