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चाईबासा में नहीं दिखा भारत बंद का असर, खदानों में चलता रहा उत्पादन कार्य - भारत बंद को लेकल सुरक्ष के इंतजाम

चाईबासा में ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का कोई असर नहीं देखा गया. जिले में आम दिनों की तरह लौह अयस्क खदानों में उत्पादन कार्य जारी रहा. वहीं हड़ताल को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से झारखंड पुलिस गश्त करती रही.

no impact of bharat bandh in chaibasa
चाईबासा में बंद का असर नहीं

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Published : Jan 8, 2020, 6:16 PM IST

चाईबासाः केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का पश्चिम सिंहभूम जिले की आरएमडी सेल के किरीबुरू, मेघाहातुबुरू, गुआ और चिड़िया लौह अयस्क खदानों में कोई असर देखने को नहीं मिला. आम दिनों की तरह खदानों में उत्पादन कार्य जारी रहा.

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चाईबासा में राष्ट्रव्यापी हड़ताल को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से झारखंड पुलिस गश्त करती रही. वहीं केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जवानों को भी खदान क्षेत्रों के आस-पास पुरी तरह से मुस्तैद देखा गया. राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दौरान आरएमडी मिनरल्स वर्कर्स युनियन (सीआईटीयू) मेघाहातुबुरू ने मेघाहातुबुरू लौह अयस्क खदान के मुख्य तक प्रदर्शन किया.

वहीं, दूसरी तरफ एनएमडीसी माइंस वर्कर्स युनियन (एटक) किरीबुरू में मोटरसाइकिल रैली निकाली. इसके साथ ही किरीबुरू लौह अयस्क खदान के जेनरल ऑफिस के समक्ष प्रदर्शन किया. इस दौरान सीआईटीयू नेता राम विलाप पासवान ने कहा कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों के विरूद्ध यह एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल आयोजित की गई है और आज तक मजदूरों का अनेकों मांगे लंबित पड़ी है. उन्होंने बताया कि आज खाद्यान्न सामग्रियों का निरंतर महंगाई बढ़ती जा रही है जिससे देश में बेरोजगारी भी चरम पर पहुंच चुकी है.

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इधर, सीटू नेता अमरनाथ यादव नें बताया कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण मुनाफा देने वाले कल कारखानों को प्राइवेट कम्पनियों को बेच दी जा रही है, या तो बंद कर दी जा रही है. मजदूरों के अनेको मांगे अधर में लटकी हुई है.

वहीं, एटक नेता एडी मंडल ने भी केंद्र सरकार को कठघड़े में खड़ा करते हुए मजदूर विरोधी बताया. इसके साथ हीं मजदूर विरोधी नीतियों पर रोक लगाते हुए कनूनों में बदलाव किए जाने की मांग की है. इसके साथ हीं ठेका मजदूरों का वेतनमान 21 हजार रूपये किये जाने की भी मांग की है.

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