चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम के चाईबासा बस स्टैंड में सुविधाओं का घोर अभाव है. जिससे यात्रियों को काफी परेशानी होती है. शहर के बीचो-बीच बने सालों पुराने बस स्टैंड से हजारों लोग रोजाना यात्रा करते हैं. लाखों रुपए खर्च करते हैं. बावजूद अगर सुविधा की बात करें, तो बस स्टैंड में न तो पीने के पानी की सुविधा है और न ही यात्रियों की बैठने की उचित व्यवस्था.
जिले के सबसे बड़े बस स्टैंड होने के बावजूद यात्रियों को बोतलबंद पानी खरीद कर पीना पड़ता है. यात्रियों के लिए प्याऊ बनाये गये हैं, लेकिन उस प्याऊ की स्थिति देख कर कोई भी पानी पीना नहीं चाहेगा. इसके चारों तरफ गंदगी का अंबार लगा हुआ है.
बस स्टैंड में यात्री मौत के साये में बस का इंतजार करते हैं. दरअसल यात्रियों के लिए बनाए गए शेड की स्थिति काफी भयावह है. शेड की छत का प्लास्टर आए दिन झड़कर गिरता रहता है. कई बार लोग छत से गिरने वाले प्लास्टर से घायल हो चुके हैं. जिससे अब यात्री शेड में अपनी जान जोखिम में डालने से बेहतर चिलचिलाती धूप में खड़े रहना ज्यादा पसंद करते हैं.
चाईबासा बस स्टैंड नगर परिषद के अंतर्गत आता है. टेंडर के तहत देखभाल की जिम्मेदारी बस ओनर एसोसिएशन को सौंपी गई है. बस ओनर एसोसिएशन प्रत्येक बसों से प्रतिदिन के हिसाब से 40 रूपय मेंटेनेंस के नाम पर वसूल करती है. प्रतिदिन सैकड़ों बसें यहां से खुलती हैं. एसोसिएशन केवल बस स्टैंड की साफ-सफाई की जिम्मेदारी अपने ऊपर लेती है. दूसरी जिम्मदारियों से खुद को पूरी तरह से दरकिनार करते हुए सारी जवाबदेही नगर परिषद पर ठोक देती है.