चाईबासा: भूमिगत जल के दोहन और वर्षा की कमी के कारण दिन-प्रतिदिन भूजल स्तर गिरता जा रहा है. जिस कारण जिले के कई शहर, गांव और कस्बों में पानी की किल्लत साफ नजर आने लगी है. सरकार ने एक साल पहले सभी सरकारी भवनों और निजी मकानों में तक रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था करने का आदेश दिया था, लेकिन इस ओर अबतक कोइ पहल नहीं की गई है.
दिनों दिन बढ़ती पानी की किल्लत को देखते हुए डेढ़ साल पहले पेयजल आपूर्ति मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने शैक्षणिक संस्थानों, घरों और सरकारी भवनों के नक्शे में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की व्यवस्था नहीं होने पर नक्शा पास नहीं करने का आदेश दिया था. जबकि ऐसा नहीं करने पर जुर्माना भी लगाने का आदेश दिया था. बावजूद इसके अब तक जिले के कई सरकारी कार्यालयों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की व्यवस्था नहीं हो सकी है.
मंत्री के आदेश के बाद भी नहीं हुआ काम
पेयजल आपूर्ति मंत्री के आदेश के डेढ़ साल बाद भी उनके आदेशों का पालन नहीं किया गया. आदेशानुसार सभी सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की व्यवस्था करना अनिवार्य है, लेकिन पश्चिम सिंहभूम जिला मुख्यालय स्थित कोल्हन प्रमंडलीय कार्यालय समेत जिले के किसी भी सरकारी भवन में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लागू नहीं किया जा सका है.
जिला उपायुक्त ने 1 साल पहले दिया था निर्देश
पश्चिम सिंहभूम जिला उपायुक्त ने भी 1 पहले पहले सभी सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था करने का आदेश दिया था. लेकिन आदेश के 1 साल बीतने के बाद भी जिला मुख्यालय की सरकारी भवनों में अब तक रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था नहीं की गई.
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फेल हो रहे हैं चापाकल और कुंआ
एक ओर जहां वर्षा जल संरक्षण को लेकर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं, सरकारी पदाधिकारियों की उदासीन रवैया देखने को मिल रहा है. परिणाम स्वरूप दिन-प्रतिदिन भू-जल स्तर गिरता जा रहा है. जिस कारण जिलों के कई चापाकल फेल हो चुकी है और कुआं सूखने के कगार पर आ चुकी है. जिसा ग्राफ में भी इजाफा देखा जा रहा है.
जल शक्ति अभियान से सब हुए केंद्रित
जिला उपायुक्त अरवा राजकमल ने बताया कि पिछले साल उनके द्वारा सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की व्यवस्था करने का आदेश दिया गया था, लेकिन वह केंद्रित नहीं रह सका. इस साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देश भर में जल शक्ति अभियान की शुरुआत की. जो जल संरक्षण का मुद्दा केंद्रित हुआ है और इसे जिले के सभी विभाग के पदाधिकारियों को उनके अपने कार्यालयों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है.