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स्वर्ण पदक जीतने के बाद अपने गांव पहुंची कोमोलिका, लोगों ने किया भव्य स्वागत

अंडर 18 अंतरराष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर कोमोलिका बारी अपने घर चाईबासा पहुंची. अपने शहर पहुंचकर कोमोलिका ने जिला उपायुक्त से मुलाकात की. उपायुक्त ने कोमोलिका को जीत की बधाई दी है.

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Published : Aug 30, 2019, 11:38 PM IST

जिला उपायुक्त के साथ कोमोलिका बारी

चाईबासा: स्पेन में आयोजित अंडर 18 अंतरराष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतने के बाद कोमोलिका बारी अपने गांव पहुंची. इस दौरान कोमोलिका बारी ने समाहरणालय परिसर में जिला उपायुक्त अरवा राजकमल से मुलाकात की. उपायुक्त ने उनकी जीत पर बधाई देते हुए कोमोलिका को स्मृति चिन्ह और अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया.

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मौके पर उपायुक्त ने कहा कि कोमोलिका इस जिले के युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं. उनका यह प्रदर्शन बेमिसाल रहा है. उनको देखकर जिले की खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिलेगा. साथ ही कहा कि जिला प्रशासन हमेशा उनकी मदद के लिए तैयार है. बता दें कि कोमोलिका पश्चिमी सिंहभूम जिले के तांतनगर प्रखंड के रोलाडीह गांव की निवासी है.

वहीं, इस मौके पर तीरंदाजी प्रशिक्षण केंद्र की ओर से विश्व चैंपियन कैडेट कोमोलिका बारी का अभिनंदन समारोह भी आयोजित किया गया. जिसमें जिले में संचालित केन्द्रों से सभी प्रशिक्षकों और तीरंदाजों के साथ-साथ रेया उम्बुल महिला समिति के महिलाओं ने कोमोलिका का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया. इस दौरान तीरंदाजों को संबोधित करते हुए कोमोलिका ने अपना अनुभव साझा किया. उन्होंने कहा कि मेहनत करने से मंजिल अवश्य मिलती है. अपने प्रशिक्षकों की बातों को हमेशा मानना चाहिए.

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तीरंदाजी केंद्र के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार पाड़ेया ने कहा कि कोमोलिका कि यह उपलब्धि आदिवासी समाज के लिए वाकई एक मील का पत्थर है. यह जिले के भावी तीरंदाजी चैंपियनों के लिए हमेशा प्रेरणा का श्रोत बना रहेगा. अध्यक्ष ने कोमोलिका के प्रशिक्षक द्रोणाचार्य पूर्णिमा महतो, धर्मेंद्र तिवारी और कोच सुशांतो पात्रो को भी विशेष धन्यवाद दिया.

उन्होंने कहा कि इससे पहले पलटन हंसदा ने 2006, दीपिका कुमारी ने 2009 और अब कोमालिका बारी ने 2019 में जीता है. इस तरह कोमालिका बारी को अपना प्रदर्शन बरकरार रखना होगा. जिससे झारखंड ही नहीं भारतवर्ष का नाम पूरे विश्व पटल पर रौशन रहे.

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