चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिले के नोवामुंडी प्रखंड अंतर्गत सारंडा स्थित किरीबुरू निवासी जया रानी पाडेया शिक्षित समाज के निर्माण के लिए निस्वार्थ भाव से अपनी अहम भूमिका निभाकर प्रेरणादायक संदेश दे रही हैं. जय रानी पाडेया पिछले 5 वर्षों से किरीबुरू क्षेत्र के ठेका मजदूर और गरीब तबके बच्चों को निशुल्क शिक्षा देकर शिक्षित बना रही हैं. 2015 में जया रानी ने स्कूल खोला जिसका नाम नवजीवन शिशु विद्यालय दिया गया.
'शिक्षा से ही बच्चों को नवजीवन मिल सकता है'
जया रानी पाडेया की माने तो शिक्षा से ही बच्चों को नवजीवन मिल सकता है. बस इसी सोच के साथ उन्होंने स्कूल का नाम निशुल्क नवजीवन शिशु विद्यालय रखा. यहां किरीबुरू प्रोस्पेक्टिंग, बक्कल हाटिंग, गाढ़ा हाटिंग आदि के लगभग 70 से 80 बच्चे पढ़ते हैं. लेकिन अब स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ गई है.
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समाजसेवी के रूप में जानी जाती हैं जया
जया रानी पाडेया किरीबुरू सेल उप महाप्रबंधक यूएस पाडेया की पत्नी हैं. यूं तो जया रानी पाडेया की पहचान एक समाजसेवी के रूप में हमेशा से रही है. किरीबुरू में गरीब और निसहाय बच्चों को सड़क किनारे घूमते और भीख मांगते देख जया ने बच्चों के माता-पिता से मिलकर बातचीत कर उन्हें समझाया पर बच्चों के माता-पिता ने अपनी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की बात बताई. तभी जया ने उन बच्चों के लिए निशुल्क शिक्षा देने की ठान ली और स्कूल की स्थापना कर डाली.