चाईबासा: जिले में कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है. इसको लेकर प्रशासन कई तरह के उपाय कर रहा है. लेकिन जिला के सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम हाउस में कई तरह की अनदेखी हो रही है. कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों की मौत होने पर उसके पोस्टमार्टम से लेकर अंतिम संस्कार तक आईसीएमआर के खास नियम है. लेकिन चाईबासा सदर अस्पताल में आईसीएमआर गाइडलाइंस और राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोविड-19 को लेकर निर्देशित कार्य को ताक पर रखकर सामान्य दिनों की तरह ही कार्य किए जा रहे हैं.
ईटीवी भारत ने की पड़ताल
चाईबासा सदर अस्पताल स्थित पोस्टमार्टम हाउस में ना तो कोविड-19 संदिग्ध की मौत होने पर कोरोना की जांच की जाती है और ना ही शव को सैनिटाइज करने की उचित व्यवस्था है. पोस्टमार्टम हाउस में काम कर रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए सुरक्षा के उपकरण भी मुहैया नहीं करवाए गए हैं. चाईबासा सदर अस्पताल पोस्टमार्टम हाउस में पूर्व के दिनों की तरह ही सामान्य रूप से कार्य किए जा रहे हैं.
क्या कहते हैं पोस्टमार्टम हाउस के कर्मी
पोस्टमार्टम हाउस में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मचारियों से मिलकर जानकारी ली तो पोस्टमार्टम हाउस के कर्मचारी जतरो करवा ने बताया कि कोरोना काल में हम लोग जोखिम उठाकर अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. अस्पताल प्रबंधन की ओर से ना तो सेनेटाइजर की व्यवस्था की गई है और ना ही मास्क, हम लोग खुद बाजार से खरीद कर एक ही मास्क 3 से 4 दिन तक इस्तेमाल करते हैं. अस्पताल प्रबंधन की ओर से केवल ग्लव्स दिए गए हैं, जिसे पहन कर पोस्टमार्टम के काम कर रहे हैं अस्पताल प्रबंधन से कई बार सुरक्षा के उपकरणों की मांग करने के बावजूद भी अब तक उपलब्ध नहीं करवाया गया है.
वहीं पीलू करवा ने बताया कि अस्पताल से मात्र ग्लव्स दिया जाता है इसके अलावा कोई भी सुरक्षा के उपकरण अस्पताल से नहीं मिले हैं. शव का पोस्टमार्टम करने को एप्रोन, चाकू भी नहीं दिया जाता है, वह भी हमें खुद ही खरीदना पड़ता है कई बार सुरक्षा के उपकरण और जरूरत की सामग्रियों की मांग करने के बाद भी टालमटोल कर दिया जाता है, जिससे संक्रमण का भय हमेशा बना रहता है, लेकिन डॉक्टरों के आदेश पर काम करने पड़ते हैं.
पोस्टमार्टम ड्यूटी कर रहे अस्पताल के डॉक्टर प्रिंस पिंगुआ भी शव का पोस्टमार्टम कर बाहर निकले और उन्होंने भी कोरोना के सुरक्षा के उपकरण नहीं पहन रखा था. उनसे कोविड-19 संदिग्ध मरीजों के पोस्टमार्टम को लेकर सुरक्षा के उपकरणों की जानकारी और गाइडलाइंस के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि संदिग्ध मरीजों का पोस्टमार्टम करने से पूर्व शव को सेनेटाइज करना है या नहीं, ऐसी कोई दिशा निर्देश मुझे नहीं मिली है. इसलिए सामान्य दिनों की तरह ही अभी भी पोस्टमार्टम किया जा रहा है.
अनियमितता की नहीं है जानकारीः सिविल सर्जन
चाईबासा सदर अस्पताल के सिविल सर्जन ओम प्रकाश गुप्ता आईसीएमआर और राज्य स्वास्थ्य विभाग से मिले गाइडलाइंस के अनुसार इस कोरोना महामारी के दौर में जितनी मौतें हो रही हैं सभी की कोरोना जांच करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि मृत व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ खांसी जुकाम होने या कोरोना संदिग्ध होने की जानकारी मिलती है तो कोरोना जांच करवाना अनिवार्य है और इस गाइडलाइंस को पिछले 15 से 20 दिनों से फॉलो किया जा रहा है.
लेकिन सदर अस्पताल पोस्टमार्टम हाउस में आईसीएमआर और राज्य स्वास्थ्य विभाग से मिले गाइडलाइंस के अनुसार कार्य नहीं किए जाने के बाद बताए जाने पर उन्होंने रटा रटाया जवाब देते हुए कहा कि ऐसा होना नहीं चाहिए, क्योंकि सभी को कोविड-19 गाइडलाइंस को फॉलो करने का निर्देश दिया गया है और यह मेरे संज्ञान में नहीं आया है. अब मामला संज्ञान में आया है तो इसकी इंक्वायरी करके इसे सख्ती से पालन करवाऊंगा. सिविल सर्जन ने बताया कि सदर अस्पताल में करना संक्रमण से लड़ने के लिए सभी सुरक्षा के उपकरण पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. अस्पताल मैनेजर को भी पोस्टमार्टम ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्य कर्मचारियों एवं डॉक्टर को सुरक्षा के उपकरण उपलब्ध करवाने के दिशा निर्देश दिए गए हैं. अगर ऐसे में कहीं चूक हो रही है तो उसे जल्द दुरुस्त कर लिया जाएगा.
पोस्टमार्टम के लिए क्या हैं गाइडलाइंस
मौत पर 1% हाइपोक्लोराइट से शव का सेनेटाइजेशन किया जाए
संबंधित मेडिकल स्टाफ पीपीई किट पहन कर शव हैंडल करते हैं
शव के लिए डेड बॉडी रैप किट का इस्तेमाल किया जाए
किट से पूरे शव को सील किया जाता है
शव को बार-बार सेनेटाइज करना है
कोविड-19 जांच रिपोर्ट नहीं आने तक शव को मुर्दाघर से नहीं निकालें
अंतिम रिपोर्ट मिलने पर ही सभी औपचारिकताएं कर शव जिला प्रशासन को सौंपना चाहिए