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चाईबासा पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री और सांसद, फूड प्वाइजनिंग की शिकार हुई छात्राओं से की मुलाकात - सदर अस्पताल चाईबासा

पश्चिम सिंहभूम जिला मुख्यालय स्थित कस्तूरबा गांधी विद्यालय में फूड प्वाइजनिंग मामले में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता सदर अस्पताल चाईबासा पहुंचे. इस दौरान उनके साथ पश्चिम सिंहभूम सांसद गीता कोड़ा भी मौजूद रहीं. सदर अस्पताल निरीक्षण के क्रम में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने पीड़ित बच्चों से गुणवत्तापूर्ण समुचित इलाज का अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दिया.

Sadar Hospital Chaibasa
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता

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Published : Feb 15, 2020, 3:45 AM IST

चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिला मुख्यालय स्थित कस्तूरबा गांधी विद्यालय में फूड प्वाइजनिंग मामले में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता सदर अस्पताल चाईबासा पहुंचे. इस दौरान उनके साथ पश्चिम सिंहभूम सांसद गीता कोड़ा भी मौजूद रहीं. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और सांसद ने चाईबासा सदर अस्पताल में भर्ती कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की फूड प्वाइजनिंग से पीड़ित छात्राओं से मिले और उनका हालचाल जाना.

देखिए पूरी खबर

सदर अस्पताल निरीक्षण के क्रम में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने पीड़ित बच्चों से गुणवत्तापूर्ण समुचित इलाज का अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दिया. इसके साथ ही मामले का उच्च स्तरीय जांच के लिए स्वतंत्र कमेटी गठन करने के साथ-साथ मामले की प्राथमिकी दर्ज कर पुलिसिया जांच करने का जिले के एसपी और उपायुक्त को निर्देश भी दिया. स्वतंत्र कमेटी गठन करके इस कमेटी में जमशेदपुर के डॉक्टर को शामिल करने का निर्देश भी दिया. इसके साथ ही पश्चिम सिंहभूम जिले के एसपी इंद्रजीत माहथा को जांच में दोषी पाए जाने वाले पर कड़ी कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया.

बच्चों को परोसा जाता है बासी भोजन

इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री और सांसद ने अस्पताल में भर्ती बच्चों से बातचीत की. उन्होंने बच्चों से खाने में क्या मिलता है यह भी जानने का प्रयास किया, जिस पर एक बच्ची ने बताया कि विद्यालय में उन्हें कभी-कभी बासी खाना भी परोसा दिया जाता है. पीड़ित छात्राओं को अस्पताल प्रबंधन द्वारा पत्तल में खाना परोसे जाने पर मंत्री ने जमकर नाराजगी जताई.

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उन्होंने मौके पर अस्पताल अधीक्षक और सिविल सर्जन को जमकर खरी-खोटी सुनाई. उन्होंने कहा कि जिले के गरीब आदिवासी जनता के साथ भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाना बंद करें. जिले में डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड से कई प्रकार के बेतहाशा खर्च किए गए हैं. उन खर्च की गुणवत्ता पर भी उन्होंने सवाल उठाया. इसके साथ ही जिला प्रशासन को अपनी कार्य संस्कृति में सुधार लाने का उन्होंने कड़े शब्दों में चेतावनी भी दे डाली.

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