चाईबासा: महिला कॉलेज चाईबासा के 50 साल पूरे होने पर कॉलेज परिसर में स्वर्ण जयंती समारोह पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस उपलक्ष्य पर मुख्य अतिथि के रूप में पश्चिम सिंहभूम सांसद गीता कोड़ा और समारोह की अध्यक्षा कुलपति डॉ शुक्ला महंती मुख्य रूप से उपस्थित रहीं. समारोह की शुरुआत मुख्य अतिथि गीता कोड़ा और विशिष्ट अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया. इस मौके पर स्वर्ण जयंती स्मारिका का भी विमोचन किया गया. स्वागत भाषण के बाद अतिथियों को स्मृति चिन्ह और शॉल देकर सम्मानित भी किया गया.
मुख्य अतिथि सिंहभूम सांसद गीता कोड़ा ने महाविद्यालय के समारोह की प्रशंसा करते हुए संस्थापक सीताराम रूंगटा को याद किया और महाविद्यालय के उन पुराने छात्राओं को याद किया गया, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उन्होंने शिक्षा व्यवस्था में बदलाव का भी आवाह्न किया. इस दौरान उन्होंने महिला कॉलेज को जल्द आर्थिक सहायता प्रदान करने की बात कही.
स्वर्ण जयंती को याद करते हुए पूर्व छात्रा और टाटा कॉलेज की पूर्व प्राचार्या डॉ कस्तूरी बोयपाई ने अपने छात्र जीवन को याद करते हुए महिला कॉलेज से जुड़ाव को बताया, साथ ही उन्होंने उस समय के साधनों के अनुभव को साझा किया. वहीं, पूर्व प्राचार्या डॉ शैलबला दास ने अपने कार्यकाल के दौरान के कार्यों का स्मरण किया. डॉ सुरालिन टोपनो पूर्व प्राचार्या ने भी पुरानी यादों को स्मरण करते हुए अर्थशास्त्र के विकास और अपने योगदान को याद किया. कॉलेज की पूर्व प्राचार्यापद्माजा सेन ने भी कहा कि 50 सालों की यात्रा को दो मिनट में समेटना बहुत मुश्किल है. उन्होंने बताया कि महिला कॉलेज की स्थापना के पीछे का उद्देश्य यह रहा है कि जब आप एक महिला को शिक्षित करते हैं, तो आप सिर्फ एक व्यक्ति को नहीं बल्कि पूरे परिवार को शिक्षित करते हैं.