चाईबासा: आभूषण महिलाओं की शोभा बढ़ा देते हैं, यही कारण है कि हमेशा से आभूषण महिलाओं की पहली पसंद रही है. इसके साथ ही शादी विवाह समेत कई कार्यक्रमों में भी आभूषणों की खरीदारी और लेन देन का एक अलग ही महत्व है. अमीर हो या गरीब सभी लोग अपने सामर्थ्य के अनुसार आभूषण जरूर खरीदते हैं. हालांकि अनलॉक में छूट मिलने के बाद आभूषणों की दुकानें खुल रही हैं, लेकिन ग्राहक नदारद हैं.
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'दुकान खोलते हैं, और बिना कुछ बेचे बंद कर देते हैं'
व्यापारियों की मानें तो लॉकडाउन के दौरान लगभग ढाई माह तक सोने-चांदी के दुकानें पूरी तरह से बंद रही. इस बंद के दौरान दुकान का किराया, बिजली के बिल, दुकान में काम करने वाले कर्मचारियों के वेतन का भुगतान समेत कई खर्चे जस के तस बने रहे. सरकार की ओर से भी टैक्स में किसी भी तरह की छूट नहीं दी गई है. सोने-चांदी के व्यापारी अशोक जांगिड़ ने बताया कि लॉकडाउन के बाद दुकानें खुलने के बाद भी एक भी आभूषण बेच पाना नसीब नहीं होता. दुकान में एक भी ग्राहक नहीं पहुंच रहे हैं. जिनसे व्यापार की शुरुआत भी हो सके.
कर्ज में डूबे हैं सोने-चांदी के व्यापारी
वहीं, व्यापारी जयचंद चंद्र ने बताया कि लॉकडाउन के बाद दुकानें खुलने के बावजूद भी स्थिति काफी खराब है. इस लॉकडाउन के दौरान दुकाने बंद रहीं. लेकिन बैंक से लोन की ईएमआई भी देनी पड़ रही है. चाईबासा के सुनार की दुकानों में मंगलवार के दिन खड़े रहने की भी जगह नहीं होती थी. लेकिन अब स्थिति यह हो गई है कि दुकान में एक भी ग्राहक नहीं पहुंच रहे हैं. गाड़ियां नहीं चल रही हैं, जिस कारण ग्राहक भी जिले के विभिन्न क्षेत्रों से मुख्यालय नहीं पहुंच रहे हैं और बसें कब तक चलेंगी, इसका कोई आसार नजर नहीं आता है. सोने चांदी के व्यापारी मानस कुमार पॉल बताते हैं कि लॉकडाउन के बाद दुकानें खुलने के बावजूद भी अब तक बिक्री नहीं के बराबर है. सरकार की ओर से भी अब तक कोई छूट नहीं दी गई है. लॉकडाउन में दुकानें बंद रहने के कारण कर्जदार भी हो चुके हैं, महाजन अपने पैसों के लिए बार-बार फोन कर रहे हैं.