चाईबासा: ईचा डैम निर्माण कार्य को बंद कराने को लेकर 84 गांव के ग्रामीणों ने अपना विरोध प्रकट करते हुए आर-पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान कर दिया है. इसी कड़ी में मंगलवार को ईचा डैम क्षेत्र के ग्रामीण कॉमर्स कॉलेज के समक्ष जमा हुए और रणनीति बनाते हुए आगामी 16 मार्च को जबरन डैम का निर्माण कार्य को रोकने का ऐलान कर दिया है.
16 मार्च को डैम का निर्माण कार्य रोकने का एलान
विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियों ने डैम को मुद्दा बना कर वोट बटोरने का काम किया था और बड़ी उम्मीद के साथ ग्रामीणों ने भी बढ़-चढ़कर जेएमएम के पक्ष में मतदान किया. सरकार बनने के बाद डैम निर्माण कार्य रोकने को लेकर मौजूदा सरकार की चुप्पी से ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश देखा जा रहा है. ग्रामीणों के लाख प्रयास के बाद भी डैम निर्माण कार्य बंद नहीं होता देख ग्रामीणों ने 16 मार्च को जबरन डैम का निर्माण कार्य रोकने का एलान कर दिया है.
चंपई सोरेन का पुतला दहन कर किया विरोध
ईचा डैम निर्माण कार्य बंद कराने को लेकर पिछले दिनों सदर प्रखंड के विस्थापित ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक के साथ आम सभा का आयोजन किया था. इसके साथ ही विस्थापितों ने विधायक के समक्ष अपनी समस्याओं को भी रखा लेकिन अब तक कोई भी पहल नहीं किए जाने पर ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन के प्रति आक्रोशित है. यही कारण है कि पिछले दिनों सरायकेला जिले के डूब क्षेत्र के सारजोमडीह गांव के ग्रामीणों ने झारखंड राज्य के मंत्री और स्थानीय विधायक चंपई सोरेन का पुतला दहन कर अपना विरोध दर्ज किया.
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आक्रोशित ग्रामीण ने सीएम के आश्वासन को बताया धोखा
इधर, ग्रामीणों की समस्याओं को लेकर पिछले दिनों मुंडा मानकी संघ ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर अपनी समस्याओं को रखा. जिस पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन देते हुए 24 फरवरी से निर्माण कार्य में लगे ठेकेदारों के कार्य बंद कराने का आश्वासन दिया था. 2 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक ठेकेदारों ने डैम निर्माण कार्य नहीं रोके जाने के बाद ग्रामीण काफी आक्रोशित हो गए और मुख्यमंत्री के आश्वासन को धोखा बताया.