चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिले के झींकपानी प्रखंड मुख्यालय में स्थित एसीसी सीमेंट प्लांट में एक मजदूर की सोमवार को मौत हो गई थी. जिसके बाद मंगलवार को ठेका मजदूर के शव के साथ एसीसी सीमेंट प्लांट का गेट जामकर धरना-प्रदर्शन किया. मजदूर कामगार यूनियन के बैनर तले मजदूरों ने सुबह से ही शव के साथ ही मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा देने की मांग करते रहे.
ACC सीमेंट फैक्ट्री गेट पर मजदूर का शव रख किया घरना-प्रदर्शन, 13 लाख रुपए मुआवजे और नौकरी की बनी सहमति - चाईबासा के एसीसी सीमेंट फैक्ट्री
चाईबासा के एसीसी सीमेंट प्लांट फैक्ट्री गेट पर मजदूर का शव रखकर धरना-प्रदर्शन किया. मजदूर कामगार यूनियन के बैनर तले मजदूरों ने शव के साथ ही मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा देने की मांग की.
![ACC सीमेंट फैक्ट्री गेट पर मजदूर का शव रख किया घरना-प्रदर्शन, 13 लाख रुपए मुआवजे और नौकरी की बनी सहमति Demand for compensation after death worker in ACC cement factory at chaibasa](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-8298963-thumbnail-3x2-chai.jpg)
एसीसी सीमेंट प्लांट गेट पहुंचने से पहले ही प्रदर्शन कर रहे मजदूरों को पुलिस ने रोक दिया. मजदूर कामगार यूनियन और मृतक के परिजनों ने कंपनी के गेट पर शव को रखकर घंटों विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे मजदूर मृतक के परिजनों को 20 लाख रुपए मुआवजे और नौकरी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे मजदूर एसीसी प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते रहे और कंपनी प्रबंधन से मुआवजे की मांग की. मृतक के परिजनों के समर्थन में पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा भी खुलकर सामने आए. उन्होंने कंपनी प्रबंधन से यह मांग करते हुए कहा कि उन्हें मुआवजे की राशि पूरी मिले और मृतक के परिवार से एक व्यक्ति को कंपनी में नौकरी दी जाए.
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पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और मजदूर कामगार यूनियन के अध्यक्ष जॉन मिरन मुंडा के हस्तक्षेप के बाद प्रबंधन ने मृतक के परिजनों की मांग को माना और मुआवजे के रूप में 13 लाख रुपए मृतक के परिजनों को देने पर सहमति बनी. मृतक के परिवार से एक व्यक्ति को नौकरी देने को लेकर भी प्रबंधन राजी हो गया है. मंगलवार अहले सुबह से ही मृतक के परिजन और मजदूर कामगार यूनियन के लोग एसीसी सीमेंट फैक्ट्री के गेट पर मृतक के शव को रखकर प्रदर्शन कर रहे थे. जिस पर सदर अनुमंडल पदाधिकारी परितोष ठाकुर ने पहुंचकर प्रबंधन के साथ वार्ता की और प्रबंधन ने 13 लाख रुपए मुआवजा और नौकरी की बात पर सहमति बनी. जिसके बाद मजदूर कामगार यूनियन के लोग और मृतक के परिजन शव लेकर अंतिम संस्कार के लिए निकल गए.