बोकारो: मुख्यालय से लगभग 25 किलामीटर दूर कुम्हारदग पंचायत का रानी चिड़का गांव, जो चंदनकियारी विधानसभा में आता है. इस विधानसभा से बीजेपी विधायक अमर कुमार बाउरी पूर्व की रघुवर सरकार में भू राजस्व मंत्री में रह चुके हैं. इस गांव में 400 से 500 घर है, जिसकी आबादी लगभग 5 हजार है. इस गांव में महिलाओं से लेकर बच्चे सभी बीड़ी बनाकर अपनी जीविका चलाते हैं.
बीड़ी बनाकर जिंदगी गुजारती महिलाओं पर रिपोर्ट बीड़ी बनाने का काम इस गांव में सालों से चला आ रहा है. यह गांव बंगाल से सटा होने के कारण बंगाल के बीड़ी कारोबारियों की यहां खासी नजर रहती है. महिलाएं बताती हैं कि बंगाल से इन्हें बीड़ी का पत्ता उपलब्ध कराया जाता है.इसके बाद पत्ते को पानी मे डालकर इसे काटने के बाद बीड़ी बनाती हैं. इसके लिए उन्हें 100 बीड़ी बनाने के बदले 10 रुपये मिलते हैं. महिलाओं ने बताया कि वो पढ़ी लिखी नहीं हैं. रोजाना 12 बजे से घर के बच्चों के साथ बीड़ी बनाना शुरु करती हैं, जो शाम 5 बजे तक चलता है. इस दौरान 500-1000 बीड़ी बना लेती हैं.
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महिलाओं ने बताया कि इतने कम पैसे से घर चलना और बच्चों की पढ़ाई-लिखाई कराना काफी मुश्किल हो गया है. सरकार उन लोगों के लिए कुछ सोचे ताकि उनकी जिंदगी ठीक से चल सके. वहीं गांव में 11 वीं कक्षा में पढ़ने वाली युवती ने बताया कि वो पढ़ना चाहती है. बीड़ी बनाकर इससे पैसा कमाती है और फिर पढ़ाई भी करती है. इसके पिता बोरोजगार हैं. वो सरकार से अपनी पढ़ाई और घर चलाने में मदद की गुहार लगा रही हैं. वहीं, गांव के रहने वाले पशुपति कुमार ने बताया कि गांव की महिलाएं बीड़ी बनाकर अपनी जीविका चलाती हैं. इस काम से उनको न्यूनतम मजदूरी भी नही मिल पाती है. बीड़ी बनाने से ये सभी बीमार भी पड़ जाती हैं. इस काम से वो गंभीर बीमारी कैंसर से भी ग्रसित हो जाती हैं.
पूर्व मंत्री अमर कुमार बाउरी ने कहा है कि ये एक उद्योग है. महिलाओं ने मौजूदा हेमंत सरकार से मांग की है कि सरकार इस दिशा में कोई ठोस पहल करे, ताकि महिलाओं को उनका सही मेहनताना मिले. वहीं डीसी मुकेश कुमार सिंह ने कहा है कि डीडीसी को गांव भेजकर जानकारी हासिल की जाएगी. जो भी सहयोग होगा जिला प्रशासन करेगा. साथ ही बच्चो को इस व्यवसाय से दूर रखने को लेकर भी कदम उठाने की बात कही.