बोकारोःएक नारा है जहां सोच वहीं शौचालय, लेकिन लोगों में सोच तो है पर सरकारी उदासीनता के चलते शौचालय भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है. जिसके कारण आज भी लोग शौचालय की मांग करते नजर आते हैं, लेकिन जिला प्रशासन ने बोकारो जिला को ही ओडीएफ घोषित कर दिया है. चास का सतनपुर पंचायत जिला मुख्यालय से सटा हुआ है. लेकिन इसके बाद भी यहां अधिकारियों की उदासीनता के कारण शौचालयों का ना निर्माण हो पया और ना ही किसी पर कड़ी कार्रवाई हुई. अब विडंबना यह है कि सरकार और जिला प्रशासन पूरे जिले को ओडीएफ घोषित कर चुका है ऐसे में शौचालय नहीं रहने के कारण लोग बाहर शौच के लिए जाने हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि ओडीएफ सिर्फ दिखावे के लिए किया गया या फिर इसकी हकीकत कुछ यही है.
चास प्रखंड के सतनपुर गांव में 2013-14 में 400 शौचालय का निर्माण मनरेगा से शुरू हुआ था, लेकिन मात्र 80 शौचालय बने जिसमें मात्र 4 शौचालय का ही उपयोग हो रहा था. जबकि 76 शौचालय बिना काम के पड़े हुएहैं. ये रिपोर्ट जांच के तत्कालीन बीडीओ कपिल कुमार ने डीडीसी राम लखन प्रसाद गुप्ता को जांच के बाद दी थी. डीडीसी ने जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने का निर्देश देने के बाद बीडीओ ने जन सेवक को इसकी जांच करने का आदेश दिया था. लेकिन इन शौचालय के निर्माण में प्रखंड कार्यालय की मिलीभगत से यह ठेकेदारी प्रथा की भेंट चढ़ गई और इसके निर्माण में काफी अनियमितता आई.
दिखावे के लिए बने कुछ शौचालय
वहीं, जब इसकी शिकायत मिली तो इसकी जांच भी कराई गई. जांच के बाद कुछ पदाधिकारियों से पैसे की रिकवरी भी की गई. जबकि तत्कालीन बीडीओ ने प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी शत्रुघन कुमार को तत्कालीन रोजगार सेवक संजय कुंभकार के खिलाफ सेक्टर 12 थाना में मामला दर्ज कराने का आदेश भी दिया, लेकिन इस मामले में कोई ठोस कर्रवाई नहीं हुई. गांव में बने शौचालय का हाल अगर देखा जाए तो यह पता ही नहीं चलेगा कि यहां कभी शौचालय भी बना था.